केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि प्रस्तावित अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की अर्थव्यवस्था को और अधिक खुला, पारदर्शी और सरल बनाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन सुधारों से अनुपालन बोझ घटेगा और छोटे व्यापारियों, स्टार्टअप्स तथा एमएसएमई को सीधा लाभ मिलेगा।

तमिलनाडु में सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित करने की घोषणा की है। यह टास्क फोर्स नियमों को सरल बनाने, अनुपालन लागत कम करने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर काम करेगी।

उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में संभावित कटौती पर विचार के लिए जीएसटी परिषद की अहम बैठक 3-4 सितंबर को होने वाली है। वित्त मंत्री ने बैंकों से अपील की कि वे आर्थिक विकास को गति दें, पारदर्शिता बढ़ाएं और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।

सीतारमण ने देश की आर्थिक उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही है और हमारी सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग 18 साल बाद पहली बार अपग्रेड हुई है। पिछले आठ वर्षों में मुद्रास्फीति दर में 1.15 प्रतिशत की गिरावट आई है और चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.42 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उन्होंने पीएम जन धन योजना की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत अब तक 56 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिससे वित्तीय समावेशन को नई दिशा मिली है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी ढांचे में बड़े बदलावों का संकेत देते हुए कहा था कि इस दिवाली आम जनता को राहत मिलेगी। उन्होंने घोषणा की थी कि घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती की जाएगी, ताकि उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों दोनों को लाभ हो।