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सुबह-सुबह यह खबर झटका देने वाली है। जवाहर लाल नेहरू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने दंगे के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी यूएपीए यानी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के तहत की गई। ऐसे आरोप जामिया की कोऑर्डिनेटर कमेटी की सफुरा जर्गर एवं छात्र राष्ट्रीय जनता दल सदस्य मीरान हैदर भी झेल रहे हैं। यूएपीए के तहत मुसलमानों की गिरफ्तारी पर सिने तारिका स्वरा भास्कर ने ऐतराज जताते हुए इसे ‘कूड़ा’ बताया।
सफूरा जर्गर, मीरान हैदर एवं उमर ख़ालिद पर आरोप है कि दिल्ली दंगे के दौरान उनकी भूमिका संदिग्ध रही। नॉर्थ दिल्ली सहित दो जगहों पर उन्हांने भड़काउ भाषण दिए, जिसमें नागरिकों से अपील की गई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर आ जाएं। रास्ता अवरुद्ध करें ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाए कि भारत में अल्पसंख्यकों को किस तरह प्रताड़ित किया जा रहा है।
गंभीर आरोपों के बावजूद कपिल मिश्रा पर कार्रवाई नहीं
मजे की बात है, दिल्ली दंगे में संदिग्ध भूमिका का आरोप झेल रहे भारतीय जनता पार्टी नेता कपिल मिश्रा के विरूद्ध कई शिकायतें एवं रिपोर्ट होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने उनपर अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। इसके जवाब में दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि रिपोर्ट का अध्ययन किया जाना बाकी है। मगर उसका अध्ययन दो महीने बाद भी पूरा नहीं हुआ। इसी तरह एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट भी मिश्रा को दंगे भड़काने का आरोपी साबित कर चुकी है। दिल्ली दंगे से पहले एक केंद्रीय मंत्री सहित भाजपा के एक सांसद ने भी ‘गोली मारो सालों को’ का नारा देकर हिंदुओं को मुसलमानों के विरूद्ध भड़काने का प्रयास किया था। मगर वे भी अब तक पुलिस कार्रवाई से बचे हुए हैं। उनसे पूछताछ तक नहीं की गई।
विरोध अपराध, मुसलमान होना अपराध
दूसरी तरफ, रविवार-सोमवार की रात दिल्ली पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में उमर ख़ालिद को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उनसे लंबी पूछताछ की गई। उनका मोबाइल सीज कर लिया गया। उमर ख़ालिद के पिता एसक्यूआर इलियास ने जानकारी दी कि उनके बेटे की गिरफ्तारी की जानकारी दिल्ली पुलिस ने आधी रात को दी। ख़ालिद की गिरफ्तारी पर जहां नफरती गैंग सोशल मीडिया पर खुशी जता रहा, वहीं इंसाफ पसंद लोग उनके परिवार के साथ खड़े हैं। सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी का विरोध करने के साथ दिल्ली पुलिस को बुरा-भला कहा जा रहा है। जफरीन कुरैशी ने ट्वीट किया है-‘बलि का बकरा चाहिए उन्हें। मुसलमान गले में हड्डी की तरह चुभते हैं उनको।’एन्ना एमएम वेटिकेड ट्वीटर हैंडल से कहा गया-‘‘विरोध अपराध है। मुसलमान होना अपराध है।’ दिल्ली दंगे को लेकर दिल्ली पुलिस की कथित एकतरफ कार्रवाई से उसकी छवि प्रभावित हो रही है। दिल्ली दंगे में 50 से लोग मारे गए, जिनमें मुसलमानों की संख्या सर्वाधिक है। उन्हें सर्वाधिक नुक्सान पहुंचाया गया। उनकी आवाज़ उठाने वाले ही सबसे ज्यादा गिरफ्तार किए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव, सीताराम येचुरी जैसे लोगों के खिलाफ भी सप्लीमेंट चार्जशीट दाखिल किया है। उमर ख़ालिद व सफुरा जर्गर के कथित प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बदनामी हुई हो या नहीं, पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाईयों से निश्चित ही देश पर बट्टा लग रहा है।