
आर. सूर्यमूर्ति
भारत का दोपहिया वाहन उद्योग एक बार फिर तेज़ रफ्तार पकड़ने को तैयार है। केयरएज रेटिंग्स की नई रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में इस सेक्टर की बिक्री पूर्व-कोविड स्तरों को पार कर सकती है और इसमें 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। यह वृद्धि घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में सकारात्मक प्रदर्शन के चलते संभव होती दिख रही है।
पिछले तीन वर्षों में उद्योग ने लगातार बेहतरी दिखाई है—वित्त वर्ष 2023 में 8 प्रतिशत, 2024 में 10 प्रतिशत और 2025 में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 2025 में निर्यात में 21 प्रतिशत की भारी वृद्धि और घरेलू बिक्री में 9 प्रतिशत की वृद्धि ने इस रफ्तार को और तेज किया। वैश्विक बाजारों की स्थिरता और ग्रामीण मांग में सुधार इसके मुख्य कारण रहे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि महंगाई दर में गिरावट, ₹12 लाख तक की वार्षिक आय वालों को पूरी टैक्स छूट, और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में 100 आधार अंकों की कटौती जैसे आर्थिक कदम उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति और भावना को मज़बूत कर रहे हैं। इसके अलावा यदि मानसून अनुकूल रहता है, तो ग्रामीण बाजारों में मांग और अधिक बढ़ सकती है।
केयरएज रेटिंग्स के सहायक निदेशक मधुसूदन गोस्वामी के अनुसार, “हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2026 में उद्योग पूर्व-कोविड बिक्री स्तरों को पार कर जाएगा। निर्यात में 12–14% और घरेलू बिक्री में 6–8% की वृद्धि संभावित है।”
हालाँकि, OBD-II फेज़-B उत्सर्जन मानकों के लागू होने और FY25 के उच्च आधार प्रभाव के चलते वृद्धि की गति थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन समग्र परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है।
स्कूटर श्रेणी ने लगातार तीसरे साल शानदार प्रदर्शन किया है। FY25 में इसकी बिक्री में 17% वृद्धि दर्ज की गई, जबकि FY24 और FY23 में क्रमशः 13% और 26% की वृद्धि हुई थी। स्कूटरों की बिक्री FY26 में भी मोटरसाइकिलों से तेज़ रहने की उम्मीद है।
मोटरसाइकिलें अब भी कुल बिक्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखती हैं। FY25 में इनकी बिक्री 9% बढ़ी। विशेष रूप से एंट्री-लेवल मोटरसाइकिल (75cc–125cc) ने 8% की वृद्धि दर्ज की, जबकि 125cc से ऊपर की एग्जीक्यूटिव और प्रीमियम श्रेणियों ने क्रमशः 12% और 10% की वृद्धि की। FY26 में प्रीमियम और एग्जीक्यूटिव वर्गों की मांग और अधिक बढ़ने की संभावना है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (E2W) की मांग भी कुल उद्योग वृद्धि में योगदान दे रही है। FY25 में इनकी बिक्री लगभग 12 लाख इकाइयों तक पहुँची। हालांकि, पिछले दो वर्षों में बिक्री की गति थोड़ी धीमी रही है, जिसका कारण केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी में कटौती है। FY26 में यह सब्सिडी और घटेगी। अब सरकार की प्राथमिकता आत्मनिर्भर ईवी इकोसिस्टम और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की ओर है।