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दुनिया इस समय दो बड़े संकटों — ईरान-इज़राइल तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध — से जूझ रही है। ऐसे में अमेरिका और रूस जैसे प्रमुख वैश्विक शक्तियों का सीधा संवाद एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है। लेकिन सवाल यही है कि क्या केवल बातचीत से शांति स्थापित हो सकेगी या फिर इसके लिए ठोस और समयबद्ध कदम भी उठाने होंगे।

वाशिंगटन/मॉस्को | 15 जून 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच रविवार रात एक महत्वपूर्ण टेलीफोनिक बातचीत हुई जिसमें पश्चिम एशिया में बढ़ते ईरान-इज़राइल तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की गई। यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर संघर्ष की आशंकाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

ईरान-इज़राइल संघर्ष पर चिंता व्यक्त
दोनों नेताओं ने ईरान और इज़राइल के बीच जारी सैन्य तनाव को “खतरनाक और अस्थिर करने वाला” बताया। ट्रंप ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि जल्द कूटनीतिक प्रयास नहीं किए गए, तो यह संघर्ष व्यापक युद्ध में बदल सकता है, जिसका प्रभाव केवल पश्चिम एशिया तक सीमित नहीं रहेगा।

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्राइल-ईरान संघर्ष को रोकने के लिए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की और कहा कि अमेरिका शांति की बहाली के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय साझेदारों के साथ मिलकर समाधान निकालने की दिशा में काम जारी रहेगा।

ईरान परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत के संकेत
ट्रंप और पुतिन दोनों ने यह संकेत दिया कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से बातचीत की संभावना को लेकर खुले हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “हमारे कूटनीतिज्ञ ईरान के साथ संवाद बहाल करने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को पारदर्शी बनाना होगा ताकि वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

यूक्रेन युद्ध पर रूस-अमेरिका संवाद
बातचीत के दौरान यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और रूस-यूक्रेन शांति प्रयासों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया कि रूस अब भी शांति समझौते के लिए तैयार है, बशर्ते यूक्रेन और पश्चिमी देश उसके “वैध सुरक्षा हितों” को मान्यता दें।

इस पर ट्रंप ने कहा कि युद्ध की बजाय वार्ता ही एकमात्र टिकाऊ समाधान है और अमेरिका यूक्रेन की संप्रभुता का समर्थन करता रहेगा, लेकिन शांति के रास्ते खोलने के लिए सभी पक्षों को लचीलापन दिखाना होगा।

नया वैश्विक संतुलन बनता हुआ?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप और पुतिन की यह बातचीत एक नई वैश्विक राजनीतिक धुरी के संकेत दे सकती है। ऐसे समय में जब अमेरिका और रूस के संबंध वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं, यह संवाद सामरिक समीकरणों में बदलाव का इशारा कर सकता है।

राजनयिक प्रयासों में तेजी की उम्मीद
बातचीत के बाद व्हाइट हाउस और क्रेमलिन दोनों ने बयान जारी कर इस वार्ता को “सकारात्मक” और “रचनात्मक” बताया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के बीच मध्य-पूर्व और यूक्रेन संकट पर कूटनीतिक प्रयास तेज़ हो सकते हैं।


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