क्रिसिल रिपोर्ट में खुलासा, महंगाई दर भी घटकर 3% से नीचे आने की उम्मीद

रिपोर्ट: आर. सूर्यामूर्ति

देश के आम घरों को मई 2025 में राहत की सांस मिली है, क्योंकि घरेलू थाली यानी घर में पके खाने की लागत में साल-दर-साल 6% की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिसिल इंटेलिजेंस की ‘रोटी-चावल रेट’ रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से सब्ज़ियों—खासकर टमाटर, प्याज और आलू—की कीमतों में भारी कमी की वजह से हुई है।

सब्ज़ियों की कीमतों में भारी गिरावट
टमाटर की कीमतें 29% घटकर ₹23 प्रति किलो हो गई हैं, जो मई 2024 में ₹33 थी। प्याज की कीमत में 15% और आलू की कीमत में 16% की गिरावट आई। पिछले साल इन सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल देखा गया था, जो इस बार की भारी गिरावट को और उल्लेखनीय बनाता है।

तेल और गैस के दाम बढ़े, लेकिन कुल खर्च घटा
जहाँ एक ओर सब्ज़ियों की कीमतें घटी हैं, वहीं खाने के तेल की कीमत में 19% और LPG सिलेंडर के दाम में 6% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। फिर भी, थाली की कुल लागत में कमी बनी रही।

नॉन-वेज थाली भी सस्ती
नॉन-वेज खाने वालों के लिए भी राहत की खबर है। ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में 6% की कमी आई है, जो नॉन-वेज थाली की लागत का करीब आधा हिस्सा होता है। इसकी वजह महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बर्ड फ्लू के कारण मांग में कमी और सप्लाई ज़्यादा होना बताया गया है।

महंगाई दर में और गिरावट की उम्मीद
बैंक ऑफ बड़ौदा के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मई 2025 में खुदरा महंगाई दर घटकर 2.7% पर आ सकती है। यह पिछले कई वर्षों की सबसे कम दर होगी। टॉप (टमाटर, प्याज, आलू) की कीमतों में गिरावट के साथ दालों और अनाजों की कीमतों में भी नरमी देखी गई है।

दाल और अनाज भी सस्ते हुए
मसूर की दाल लगातार 10वें महीने घटती कीमतों में रही, जबकि अरहर दाल में सालाना 18.9% की गिरावट दर्ज की गई। चावल 4.5% और आटा 2.5% सस्ता हुआ है।

मॉनसून से बनी रहेगी नजर
विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी बारिश और सब्ज़ियों की वाजिब सप्लाई से कीमतें काबू में हैं। हालांकि, बेमौसम बारिश और कुछ राज्यों में ज़्यादा बारिश के कारण अगले महीनों में थोड़ी अस्थिरता भी आ सकती है।