
भारतीय शेयर बाजारों ने 30 जून को लगातार दूसरे दिन मामूली बढ़त दर्ज की, हालांकि पूरे सत्र के दौरान कारोबार सीमित दायरे में ही रहा। निवेशक आने वाले आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक केंद्रीय बैंकों की नीतियों को लेकर सतर्क नजर आए। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में सीमित उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन चुनिंदा दिग्गज शेयरों में लिवाली देखने को मिली।
बीएसई सेंसेक्स में 144 अंकों की बढ़त रही और यह 0.18% ऊपर 81,482 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी-50 ने 34 अंकों यानी 0.14% की बढ़त के साथ 24,855 का स्तर छुआ।
मिड और स्मॉल-कैप में भी हल्की मजबूती
बाजार के व्यापक सूचकांकों में भी हल्की तेजी रही। बीएसई मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स दोनों में 0.17% की बढ़त देखी गई। फार्मा, इंजीनियरिंग और डिफेंस से जुड़े शेयरों में खरीदारी से सहारा मिला, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा।
एलएंडटी में जबरदस्त तेजी, टाटा मोटर्स ने खींचा बाजार को नीचे
सेंसेक्स-30 के 15 शेयरों में तेजी रही, जबकि शेष 15 में गिरावट दर्ज की गई। लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने 4.8% से अधिक की उछाल के साथ टॉप गेनर का स्थान हासिल किया। कंपनी को डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से बड़े ऑर्डर मिले हैं और इसके चलते निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ।
सन फार्मा में 1.4% और एनटीपीसी में 1.2% की बढ़त दर्ज की गई। एनटीपीसी में बिजली मांग में वृद्धि और परिचालन दक्षता को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं।
वहीं, टाटा मोटर्स में 3.4% से अधिक की गिरावट आई। इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में मार्जिन प्रेशर और जेएलआर व्यवसाय की कमजोर संभावनाओं के चलते निवेशकों ने मुनाफावसूली की। पावर ग्रिड में 1.4% और इटरनल (संभावित रूप से कोई मिड-कैप एनर्जी कंपनी) में 0.9% की गिरावट रही।
सेक्टोरल ट्रेंड: इंडस्ट्रियल और आईटी में खरीदारी, रियल्टी दबाव में
बीएसई के 21 में से 11 सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान पर बंद हुए। इंडस्ट्रियल सेक्टर ने 1.3% की मजबूती के साथ नेतृत्व किया। टेक (Teck) और फोकस्ड आईटी (Focused IT) इंडेक्स में भी 0.3% से अधिक की बढ़त रही। ये बढ़त मुख्यतः सॉफ्टवेयर निर्यातकों और डिजिटल सेवाओं से जुड़ी कंपनियों की वजह से आई।
एफएमसीजी इंडेक्स में भी 0.3% की हल्की तेजी देखी गई, जो मानसून से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश के रूप में देखा गया।
वहीं, रियल्टी सेक्टर में 1% की गिरावट रही। ब्याज दरों में अस्थिरता और लागत बढ़ने की आशंका से निवेशक सतर्क दिखे। सर्विसेज इंडेक्स में 0.7% और ऑटो इंडेक्स में 0.6% की गिरावट दर्ज की गई।
आगे की रणनीति: आरबीआई नीति की प्रतीक्षा में सतर्क रुख
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में बाजार सीमित दायरे में बना रह सकता है, क्योंकि निवेशक अब आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा, और पहली तिमाही के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
वैश्विक संकेत, विशेष रूप से अमेरिका से आने वाले मुद्रास्फीति आंकड़े और फेडरल रिजर्व की नीतियों को भी निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से लगातार दूसरे दिन की गई शुद्ध खरीदारी से बाजार को आधार मिला है।
