
BIZ DESK
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सोमवार को दिन के निचले स्तरों से उबरते हुए अंततः मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक और घरेलू संकेतों के बीच निवेशकों की सतर्कता के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा और सेक्टरवार प्रदर्शन मिला-जुला रहा।
दिन के कारोबार में सेंसेक्स एक समय 438 अंकों तक लुढ़क गया था, लेकिन बाद में रिकवरी के साथ यह 54.30 अंक या 0.06 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 85,213.36 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी 50 भी दिन के निचले स्तर से संभलते हुए 19.65 अंक या 0.08 प्रतिशत फिसलकर 26,027.30 पर बंद हुआ।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान के अनुसार, अहम सपोर्ट स्तरों से बाजार की वापसी अंतर्निहित मजबूती का संकेत देती है और निकट अवधि में व्यापक अपट्रेंड बने रहने की संभावना है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और रुपये की कमजोरी के चलते बाजार सीमित दायरे में बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत–अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर स्पष्टता आने तक मुद्रा बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में आय में सुधार की उम्मीद, मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहनों के साथ, बाजार धारणा को सहारा दे रही है। आगे बाजार की दिशा मूल्यांकन के बजाय आय आधारित रहने की संभावना है। निवेशकों की नजर अमेरिका के सीपीआई महंगाई आंकड़ों और बेरोजगारी के आंकड़ों पर भी टिकी है, जो वैश्विक तरलता और 2026 की ब्याज दरों के रुख को प्रभावित कर सकते हैं।
सेक्टरवार प्रदर्शन
सेक्टर स्तर पर मीडिया शेयरों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और लगभग 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, केमिकल्स, पीएसयू बैंक, आईटी और मेटल शेयरों में हल्की बढ़त रही। वहीं ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। फार्मा और हेल्थकेयर शेयर भी दबाव में रहे। कैपिटल मार्केट इंडेक्स में 1.35 प्रतिशत की गिरावट आई।
ब्रॉडर मार्केट का हाल
बैंक निफ्टी ने शुरुआती कमजोरी को नजरअंदाज करते हुए धीरे-धीरे रिकवरी दिखाई। मिडकैप इंडेक्स लाल निशान में बंद हुआ, हालांकि निचले स्तरों पर खरीदारी के संकेत मिले। स्मॉलकैप इंडेक्स ने तुलनात्मक रूप से मजबूती दिखाई, लेकिन लगातार तीसरे सत्र में करेक्शन के दौर में बना रहा।
प्रमुख शेयरों की चाल
निफ्टी 50 में इंटरग्लोब एविएशन, ट्रेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचसीएल टेक और विप्रो टॉप गेनर्स रहे। वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा, आयशर मोटर्स, ओएनजीसी, बजाज ऑटो और जेएसडब्ल्यू स्टील प्रमुख नुकसान में रहे।
बीएसई पर कुल 4,444 शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2,237 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 2,029 शेयरों में गिरावट रही और 178 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। 127 शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर को छुआ, जबकि 145 शेयर 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचे, जो बाजार में चयनात्मक भागीदारी को दर्शाता है।
मिडकैप सेगमेंट में डिक्सन टेक्नोलॉजीज, यूपीएल, केईआई इंडस्ट्रीज, सुप्रीम इंडस्ट्रीज और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर में 2–3 प्रतिशत की गिरावट रही। स्मॉलकैप शेयरों में एनबीसीसी, आरती इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट और नीलैंड लैबोरेटरीज में 3–5.5 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
बीएसई पर रिफेक्स इंडस्ट्रीज, शक्ति पंप्स और प्राज इंडस्ट्रीज जैसे शेयरों में तेज उछाल देखा गया, जबकि एम्बेसी डेवलपमेंट्स, पीटीसी इंडस्ट्रीज और स्पाइसजेट दबाव में रहे। कुल मिलाकर बाजार का रुझान सतर्क लेकिन स्थिर बना रहा।
