
पश्चिम एशिया में जारी भू-राजनीतिक तनाव के बीच निवेशकों की सतर्कता के चलते सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि कारोबारी दिन के अंत में दोनों प्रमुख सूचकांक मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 158 अंकों की बढ़त के साथ 82,055 पर बंद हुआ, जबकि दिन के दौरान यह 83,018 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी-50 भी 72 अंकों की तेजी के साथ 25,044 पर बंद हुआ। इसने दिन के कारोबार में 25,318 का उच्चतम स्तर छुआ था।
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि 14 शेयरों में गिरावट रही।
- अदानी पोर्ट्स में सबसे अधिक 2.6% की तेजी आई।
- टाटा स्टील ने 1.6% और कोटक महिंद्रा बैंक ने 1.4% की बढ़त दर्ज की।
- वहीं पावरग्रिड में 1.6%, ट्रेंट में 1% और एनटीपीसी में 0.9% की गिरावट देखी गई।
बीएसई सेक्टोरल इंडेक्स का हाल
बीएसई के 21 सेक्टोरल इंडेक्स में से 16 ने हरे निशान में कारोबार समाप्त किया।
- सेवाएं (Services) इंडेक्स में 2.1%,
- टेलीकॉम और कमोडिटीज में 1.1% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
- मेटल इंडेक्स भी करीब 1% चढ़ा।
नुकसान झेलने वाले क्षेत्रों में
- ऊर्जा (Energy) और तेल एवं गैस (Oil & Gas) दोनों में 0.2% की गिरावट रही,
- आईटी इंडेक्स 0.1% फिसला, जबकि टेक्नोलॉजी और फोकस्ड आईटी लगभग सपाट रहे।
बाजार का समग्र रुख
बीएसई पर कुल 2,662 शेयरों में बढ़त, 1,339 शेयरों में गिरावट, और 143 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
एनएसई पर 44 कंपनियों के शेयर 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर, जबकि 31 कंपनियां अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचीं।
वैश्विक घटनाओं का असर
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में दिनभर की अस्थिरता का मुख्य कारण ईरान-इज़राइल संघर्ष और अमेरिका की सैन्य भागीदारी से उपजा वैश्विक तनाव है। निवेशक कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक संकेतकों पर नजर बनाए हुए हैं।
आगे की रणनीति
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी दिनों में बाजार की दिशा अंतरराष्ट्रीय तनाव, एफआईआई की पूंजी प्रवाह, और कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करेगी। साथ ही, निवेशकों की निगाहें अब पहली तिमाही के नतीजों और आगामी आम बजट 2025 पर टिकी होंगी।