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सुधीर कुमार / SUDHIR KUMAR
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां जीवन में प्रेरणा का काम करती हैं। लेकिन प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों को दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय खुद से प्रतिस्पर्धा करने को कहा। नई दिल्ली में आज परीक्षा पे चर्चा 2024 कार्यक्रम के जरिए विद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों से बातचीत के दौरान श्री मोदी ने कहा कि अगर जीवन में कोई चुनौती न हो तो जीवन प्रेरणाहीन और हतोत्साहित करने वाला बन जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ अभिभावक अपने विजिटिंग कार्ड के रूप में अपने बच्चों के साथ रिपोर्ट कार्ड की तरह व्यवहार करते हैं। यह अच्छी बात नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बच्चों को किसी प्रकार के दबाव को झेलने के अनुकूल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तनाव जीवन का हिस्सा है। हर किसी को इससे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि विद्यार्थियों के तनाव को कम करने में शिक्षकों की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच का संबंध पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से परे होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों की चुनौतियों से अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा समेकित रूप से निपटा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फिटनेस के लिए संतुलित आहार और व्यायाम बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मस्तिष्क के लिए के लिए स्वस्थ शरीर का होना बहुत जरूरी है। श्री मोदी ने कहा कि पर्याप्त नींद भी इसके लिए बहुत आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को निर्णय लेने की आदत विकसित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रम की स्थिति में इसे लेकर चर्चा करनी चाहिए और इसका समाधान तलाश कर आगे बढने की आवश्यकता है। श्री मोदी ने कहा कि बच्चों को अभिभावकों के बीच विश्वास की कमी नहीं होनी चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि छात्रों को अधिक से अधिक प्रश्नों का उत्तर लिखने का अभ्यास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर आप अभ्यास करेंगे तो परीक्षा केन्द्र का अधिकतर तनाव जाता रहेगा।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारत युवाओं के नेतृत्व में एक विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम एक जन आंदोलन बन चुका है।