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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने आज नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने आपसी संबंधों को और प्रोत्‍साहन देने के लिए द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने नई दिल्ली में कहा कि भूटान नरेश ने श्री मोदी को भूटान में की गई सुधार पहलों के बारे में जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास में भारत के पूर्ण समर्थन को दोहराया। श्री क्‍वात्रा ने कहा कि दोनों देशों ने आर्थिक और विकास साझेदारी, व्यापार सुविधा उपायों और व्यापार, सम्‍पर्क, निवेश, ऊर्जा और अंतरिक्ष तथा स्टार्टअप सहित नए क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि दोनों देश भारत-भूटान सीमा पर पहली एकीकृत जांच चौकी स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं। यह चौकी जयगांव के पास स्‍थापित होगी। उन्होंने कहा कि  भारत और भूटान भारत सरकार के सहयोग से प्रस्तावित कोकराझार-गेलेफू रेल लिंक परियोजना में भी तेजी लाएंगे। श्री क्वात्रा ने कहा कि भारत और भूटान के बीच अब तक का पहला रेल संपर्क ऐतिहासिक होगा।

विदेश सचिव ने कहा कि भारत भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए अपना सहयोग बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि भारत भूटान से कृषि उत्‍पादों के निर्यात के लिए एक अतिरिक्त स्टैंडबाय क्रेडिट सुविधा और दीर्घकालिक स्थायी व्यवस्था को साकार करने के लिए भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि देश पेट्रोलियम और कोयले जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं की सुनिश्चित आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक द्विपक्षीय व्यवस्था विकसित करने के लिए भी काम करेगा।

इससे पहले श्री वांगचुक ने राजघाट पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भूटान नरेश से भेंट की।

भूटान नरेश भारत की तीन दिन की यात्रा पर हैं। भूटान नरेश के साथ विदेश मंत्री डॉ. तांडी दोरजी और कई वरिष्ठ अधिकारी आए हैं। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि श्री वांगचुक की यात्रा भारत और भूटान की घनिष्ठ साझेदारी को अधिक मजबूती देगी।

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