
नई दिल्ली, 25 जून 2025
— कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ किए जाने के बाद पार्टी में एक बार फिर अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए देश सर्वोपरि है, न कि कोई व्यक्ति।
थरूर ने 23 जून को द हिंदू में छपे अपने लेख में पीएम मोदी की “ऊर्जा और वैश्विक मंच पर उनकी भूमिका” की सराहना की थी, जिसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व असहज दिखा। खड़गे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारे लिए देश पहले आता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए पहले मोदी हैं, बाद में देश।”
यह बयान खड़गे ने उस प्रेस वार्ता में दिया जो 1975 में लगे आपातकाल की 50वीं बरसी पर केंद्र सरकार के कार्यक्रमों के जवाब में बुलाई गई थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आपातकाल की आड़ में वर्तमान की असल समस्याओं — जैसे बेरोजगारी, महंगाई, और लोकतंत्र पर हमले — से ध्यान भटकाना चाहती है।
थरूर द्वारा पीएम मोदी की तारीफ़ पर तंज कसते हुए खड़गे ने कहा, “मैं अंग्रेज़ी में बहुत पारंगत नहीं हूं, लेकिन उनकी भाषा बहुत अच्छी है। इसलिए वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी में हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने सबसे पहले कहा था — देश पहले, पार्टी बाद में। लेकिन कुछ लोग हैं जो कहते हैं, मोदी पहले, देश बाद में।”
खड़गे के इस अप्रत्यक्ष प्रहार का जवाब थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक रहस्यमयी पोस्ट के ज़रिए दिया। उन्होंने एक उड़ते हुए पक्षी की तस्वीर पोस्ट की और लिखा, “उड़ने की इजाज़त मत मांगो। पंख तुम्हारे हैं, और आसमान किसी का नहीं।” इसे पार्टी में उनकी स्वतंत्र सोच और अलग लाइन लेने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
यह प्रकरण कांग्रेस नेतृत्व और थरूर के बीच हालिया मतभेदों की कड़ी में एक और कड़ी बन गया है। गौरतलब है कि हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार द्वारा सात सर्वदलीय अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया गया, जिनमें से एक का नेतृत्व थरूर को सौंपा गया। जबकि कांग्रेस ने खुद उन्हें नामित नहीं किया था, थरूर ने सरकार का न्योता स्वीकार करते हुए अमेरिका और दक्षिण अमेरिका का दौरा किया।
थरूर ने बाद में स्वीकार किया कि उनके कांग्रेस नेतृत्व के कुछ लोगों से “विचारों में मतभेद” हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी के मूल सिद्धांतों और लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
जब कांग्रेस संविधान बचाओ यात्रा के ज़रिए बीजेपी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रही है, ऐसे में थरूर की मोदी के प्रति सकारात्मक टिप्पणियाँ पार्टी के भीतर असहजता और विचारधारा की अस्पष्टता को उजागर कर रही हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस में विचारों की विविधता और अनुशासन के बीच बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया है, ऐसे समय में जब पार्टी खुद को एकजुट विपक्ष के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है।