SPL CORRESPONDENT


भारतीय पूंजी बाजार में इन दिनों आईपीओ की जबरदस्त हलचल देखी जा रही है। ऊर्जा, रिटेल, लॉजिस्टिक्स, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों की कई कंपनियां पब्लिक इश्यू के ज़रिए पूंजी जुटाने की होड़ में हैं। निवेशकों का उत्साह और अनुकूल बाजार स्थितियाँ इस तेज़ी को और बल दे रही हैं।

अकेले अगस्त महीने में दर्जनों आईपीओ या तो खुले हुए हैं या लॉन्च होने की तैयारी में हैं, जिससे निवेशकों के पास चयन के कई विकल्प उपलब्ध हैं।


चालू आईपीओ: सोलर से लेकर शिपिंग तक की कंपनियाँ मैदान में

इन दिनों खुले हुए प्रमुख आईपीओ में शामिल है विक्रम सोलर लिमिटेड, जो ₹2,000 करोड़ का इश्यू ला रही है। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की सरकारी योजनाओं के चलते कंपनी को काफ़ी समर्थन मिल रहा है और इसके शेयरों की अच्छी मांग देखी जा रही है।

पटेल रिटेल लिमिटेड, एक उभरती हुई रीजनल रिटेल चेन, ₹500 करोड़ का आईपीओ लेकर आई है। छोटे शहरों में अपनी पहुँच बढ़ाने वाली इस कंपनी को रिटेल निवेशकों से खासा समर्थन मिल रहा है। पहले ही दो दिनों में खुदरा श्रेणी में ओवरसब्सक्रिप्शन दर्ज हो चुका है।

श्रीजी शिपिंग ग्लोबल, जो समुद्री सेवाओं और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की कंपनी है, ₹280 करोड़ का इश्यू लेकर आई है। इसके शेयरों के ग्रे मार्केट प्रीमियम और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के चलते यह भी चर्चा में है।

इनके अलावा जैम एरोमैटिक्स और मंगल इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज़ जैसे नाम भी चालू आईपीओ में शामिल हैं, जिनकी प्रतिक्रिया मध्यम रही है।


एसएमई आईपीओ का उभार: छोटे उद्योगों की बड़ी छलांग

मुख्य बोर्ड के साथ-साथ, एसएमई प्लेटफॉर्म पर भी हलचल जारी है। एलजीटी बिजनेस कनेक्शन्स, क्लासिक इलेक्ट्रोड्स, और एआरसी इंसुलेशन एंड इंसुलेटर्स जैसी कंपनियाँ ₹20–100 करोड़ के दायरे में आईपीओ ला रही हैं।

इन कंपनियों का उद्देश्य सीमित निवेशकों को टारगेट करना और तेजी से बाजार में लिस्ट होना है। परिवार-आधारित कारोबार और क्षेत्रीय ब्रांड अब इस माध्यम से खुद को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।


आगामी आईपीओ: सितंबर में और भी धमाका

सितंबर में कई महत्वपूर्ण आईपीओ लॉन्च होने वाले हैं:

  • विक्रण इंजीनियरिंग लिमिटेड ₹770 करोड़ का इश्यू 26 अगस्त को खोलेगी।
  • ओनईएमआई टेक्नोलॉजी (Kissht), ₹1,000 करोड़ के इश्यू के लिए डीआरएचपी फाइल कर चुकी है।
  • कैप्टन फ्रेश, जो एक बी2बी सीफूड लॉजिस्टिक्स कंपनी है, $350–400 मिलियन का आईपीओ लाने की तैयारी में है।
  • अन्य संभावित नामों में सनग्रिड सोलर सॉल्यूशंस, ज़ेत्रा फिनटेक, और इंडस बायोजेनिक्स शामिल हैं।

आईपीओ की लहर क्यों?

इस अचानक उछाल के पीछे कई कारण हैं:

  1. खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी – डिमैट अकाउंट्स की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
  2. संस्थागत निवेशकों का विश्वास – म्यूचुअल फंड और एलआईसी जैसे निवेशक लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश कर रहे हैं।
  3. सरकारी नीतियों का समर्थन – SEBI के नए प्रस्तावों से लिस्टिंग को आसान बनाया गया है।
  4. प्राइवेट फंडिंग की कमी – अब कई स्टार्टअप्स भी पूंजी जुटाने के लिए पब्लिक मार्केट का रुख कर रहे हैं।

निवेशकों के लिए चेतावनी

हालांकि बाजार उत्साहित है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि हर आईपीओ में निवेश करना समझदारी नहीं है। मूल्यांकन, बैलेंस शीट की स्थिति और कंपनी की स्थिरता का मूल्यांकन करना जरूरी है।


निष्कर्ष

अगस्त–सितंबर 2025 का समय भारत के आईपीओ इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। बड़े कॉरपोरेट्स से लेकर छोटे उद्यमों तक, सभी के लिए यह एक शानदार अवसर है कि वे निवेशकों के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुँच सकें।


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