
Staff Reporter / New Delhi
भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री श्री सजाफ्री सजामसोएद्दीन ने तीसरी भारत-इंडोनेशिया रक्षा मंत्री वार्ता की aaj सह-अध्यक्षता की। दोनों नेताओं ने दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक के दौरान उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की 2025 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत यात्रा को याद किया और कहा कि इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति सुबियांतो के बीच हुई व्यापक और सार्थक वार्ता से दोनों देशों की व्यापक रणनीतिक साझेदारी और सुदृढ़ हुई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशियाई सशस्त्र बलों के 352 कर्मियों ने प्रभावशाली भागीदारी की थी।
बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर विशेष रूप से चर्चा हुई। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय कानून और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत के महत्व को दोहराया। इंडोनेशिया ने कहा कि आसियान के Outlook on Indo-Pacific और भारत की Indo-Pacific Oceans Initiative के साझा सिद्धांत दोनों देशों को क्षेत्रीय शांति के लिए स्वाभाविक साझेदार बनाते हैं। उन्होंने हिंद महासागर रिम एसोसिएशन जैसे बहुपक्षीय मंचों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। समुद्री क्षेत्र जागरूकता, साइबर सुरक्षा और संयुक्त परिचालन क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
वार्ता में रक्षा उद्योग साझेदारी को लेकर ठोस प्रगति दिखाई दी। दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग समझौते और संयुक्त रक्षा सहयोग समिति के कामकाज की सराहना की। इंडोनेशिया ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, प्रमाणन समन्वय और आपूर्ति श्रृंखला सहयोग बढ़ाने के भारत के प्रस्ताव का स्वागत किया। सैन्य अभ्यासों—सुपर गरुड़ शील्ड, गरुड़ शक्ति, समुद्र शक्ति और मिलन—की प्रगति की समीक्षा करते हुए दोनों पक्षों ने अधिकारियों के आदान-प्रदान, संयुक्त प्रशिक्षण और रक्षा शिक्षण संस्थानों के दौरे जारी रखने पर सहमति जताई।
समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों ने हिंद महासागर में समन्वय बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। इंडोनेशिया ने आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस जैसी बहुपक्षीय पहलों में भारत की सक्रिय भूमिका का स्वागत किया। पनडुब्बी तकनीक, रक्षा चिकित्सा और अनुसंधान-प्रशिक्षण सहयोग को भी आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। विशेष रूप से भारत की स्कॉर्पीन श्रेणी पनडुब्बी निर्माण क्षमता को इंडोनेशिया के लिए महत्त्वपूर्ण अनुभव बताया गया।
फ़िलिस्तीन में मानवीय सहायता और स्थायी शांति की दिशा में दोनों देशों ने अपना समर्थन दोहराया। इंडोनेशिया ने संयुक्त राष्ट्र के तहत गाजा में शांति सेना भेजने की तत्परता फिर व्यक्त की। वार्ता के दौरान भारत ने भारतीय सेना की रिमाउंट वेटनरी कोर से इंडोनेशिया को अश्व और समारोह वाहन उपहार में देने की घोषणा भी की।
बैठक का समापन इस विश्वास के साथ हुआ कि दोनों देश रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में उच्च-स्तरीय संवाद, व्यावहारिक सहयोग और संरचित साझेदारी जारी रखते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करेंगे।
