Welcome to The Indian Awaaz   Click to listen highlighted text! Welcome to The Indian Awaaz

इंद्र वशिष्ठ

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने राज्य सभा में अल्पसंख्यक मंत्रालय से हाजियों के पैसे से चलने वाले मुंबई के हज हाउस के कोचिंग सेंटर को फिर से शुरू करने और उसकी सीटें भी बढ़ाने का अनुरोध किया। 

सरकार को परेशानी ? –

राज्य सभा में शून्य काल में इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि जब पैसा सरकार को नहीं देना है, बल्कि हाजियों का जो सैकड़ों करोड़ रुपए इकट्ठा है, उससे इस कोचिंग सेंटर को चलना है, तो फिर इस कोचिंग सेंटर को चलाने में और देश के बाकी हज हाउसों में इसे शुरू करने में सरकार को क्या परेशानी है ?

इमरान प्रतापगढ़ी  ने कहा यूपीए की अध्यक्ष रही सोनिया गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह की कोशिशों से सच्चर कमेटी की सिफारिशों के बाद 2009 में कोचिंगों के अभाव में प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा न ले पाने वाले एससी, एसटी और माइनॉरिटी के छात्रों के लिए रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी शुरू की गई थी।

डा. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, एमएएनयूयू , हैदराबाद, एएमयू,अलीगढ़, जामिया हमदर्द और जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में दूरदराज के गांवों से आने वाले बच्चों ने मंहगी यूपीएससी कोचिंगों के बजाय भारत सरकार की रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमियों में एडमिशन लेना शुरू किया और प्रतियोगी परीक्षाओं में जाने के उनके सपने पूरे होने लगे। 

हाजियों का पैसा-

इसी से प्रभावित होकर मुंबई के हज हाउस में 2009 में एक कोचिंग सेंटर शुरू किया गया, जिसके लिए सरकार से कोई फंड नहीं लिया गया, बल्कि हाजियों के रजिस्ट्रेशन फीस और सर्विस चार्जेज़ से बनने वाले हज कमेटी के कॉर्पस के एक हिस्से से इसे शुरू किया गया। 

तकरीबन 10 साल तक शानदार तरीके से चलने वाले इस कोचिंग सेंटर के परिणाम भी बढ़िया रहे।

मंत्री ने बंद किया-

इमरान ने कहा कि  कोविड आया, तब पहले सीटें घटाई गईं और फिर तत्कालीन अल्पसंख्यक मंत्री महोदया को मौका मिला और उन्होंने 2023 में इस कोचिंग सेंटर को बंद कर दिया। वे सैंकड़ों छात्र जो हर साल इस कोचिंग सेंटर से फायदा उठा रहे थे, एक झटके में उनके सपने चकनाचूर कर दिए गए।

Click to listen highlighted text!