नई दिल्ली

हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर आज दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। इसकी वजह से नोएडा से दिल्‍ली आने वाले रास्‍तों पर लंबा जाम नजर आ रहा है। चिल्ला बॉर्डर, यूपी गेट, महामाया फ्लाइओवर… पर भारी जाम देखने को मिल रहा है।

बीते 27 नवंबर से किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर और इसके बाद 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यह यमुना प्राधिकरण पर धरना और प्रदर्शन किया, अब आंदोलन के तीसरे और अंतिम चरण यानि आज 2 दिसंबर को वे संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच करने जा रहे हैं। इसके लिए प्रदर्शनकारी किसान पहले महामाया फ्लाई ओवर के पास दोपहर 12 बजे से जुटना शुरू हो गए हैं और दिल्ली की ओर ट्रैक्टरों से मार्च करने पर अड़े हुए है।

पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैरियर लगा दिये गए हैं। दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्ध नगर पुलिस चेकिंग कर रही है। किसानों को दिल्‍ली में दाखिल होने से रोका जा रहा है। इस बीच कई रूट डायवर्ट किए गए हैं।

किसानों के दिल्ली कूच आह्नान को देखते हुए पुलिस की ओर से जीरो प्वाइंट पर बैरिकेड लगाकर चेकिंग की जा रही है। इसके अलावा कासना, दादरी अन्य रूट से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर बैरिकेड लगाकर चेकिंग की जा रही है।

चेकिंग की वजह से कई चौराहों पर यातायात का दबाव है। कई किसान नेताओं को उनके घर में नजरबंद किया गया है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए चार हजार से ज्यादा पुलिस बल सड़कों पर है। एक दिन पहले ही तीनों प्राधिकरण और जिला प्रशासन के साथ किसानों की बैठक विफल रही।

दो घंटे तक जारी बैठक में के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं ने सोमवार को दिल्ली कूच करने की घोषणा की है। किसान नेताओं ने दावा किया कि गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ और आगरा से आए किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

पिछले काफी समय से किसान नोएडा की तीनों प्राधिकरण का घेराव करते आ रहे हैं। आंदोलन करने वाले किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून का फायदा देने की मांग कर रहे हैं।

क्या हैं किसानों की मांगें

10 फीसदी विकसित भूखंड और 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा प्रमुख मुद्दा है।

नए भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक, एक जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिया जाए।

गौतमबुद्ध नगर में 10 वर्ष से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है, उसे बढ़ाया जाए।

जिले में नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ लागू हों।

नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ, हाई पावर कमेटी द्वारा किसानों के हक में भेजी गई सिफारिशें लागू की जाएं।

भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ मिलें।

कब से हो रहा धरना-प्रदर्शन?

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मोर्चा से जुड़े 10 किसान संगठनों ने 25 नवंबर को प्रदर्शन कर महापड़ाव शुरू किया।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाद किसान यमुना प्राधिकरण दफ्तर के सामने 28 नवंबर से धरने पर बैठे हैं।

रविवार को किसानों और अधिकारियों के बीच हाईलेवल की बेनतीजा बैठक हुई।