दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार चरम पर
इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई द्वारा दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पकड़ने का सिलसिला जारी है। इसके बावजूद भ्रष्टाचार थम नहीं रहा है। इससे दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोरा और आईपीएस अफसरों की काबलियत और भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है।
सीबीआई ने शनिवार 30 नवंबर को दिल्ली पुलिस की रघुबीर नगर पुलिस चौकी के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर सुदीप पूनिया, हवलदार अजय कुमार और सिपाही रामबीर को एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
पश्चिम जिले के ख्याला थाने की रघुबीर नगर पुलिस चौकी में तैनात इन पुलिस वालों ने सट्टेबाजी की अनुमति देने के लिए शिकायतकर्ता से ढाई लाख रुपए रिश्वत मांगी।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर ख्याला थाने की रघुबीर नगर पुलिस चौकी में तैनात दो पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ 29.11.2024 को मामला दर्ज किया गया।
आरोप है कि पुलिस चौकी के इंचार्ज सुदीप पूनिया और हवलदार अजय कुमार ने सट्टेबाजी की गतिविधियों (सट्टा) को जारी रखने की अनुमति देने की एवज़ शिकायतकर्ता से 2.5 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।
पुलिसकर्मियों ने महिला शिकायतकर्ता को धमकी दी कि यदि रिश्वत नहीं दी, तो वे उसे और उसके बेटों को झूठे मामले में फंसा कर जेल भेज देंगे।
सीबीआई ने जाल बिछाया एवं आरोपी सब इंस्पेक्टर, हवलदार और सिपाही को आंशिक भुगतान के रूप में शिकायतकर्ता से हवलदार अजय कुमार के माध्यम से एक लाख रुपए की रिश्वत स्वीकार करने के दौरान पकड़ लिया।
तीनों आरोपियों के आवासीय एवं आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई ।
सीबीआई ने सोमवार 25 नवंबर को क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स में तैनात सब- इंस्पेक्टर संजीव कुमार और एएसआई किरोड़ी मल की ओर से शिकायतकर्ता से दो लाख रुपए रिश्वत लेते हुए हवलदार संजय कुमार को गिरफ्तार किया गया। नारकोटिक्स के मामले में शिकायतकर्ता को झूठा नहीं फंसाने के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा रिश्वत मांगी गई।
इस मामले में सब- इंस्पेक्टर संजीव कुमार और एएसआई किरोड़ी मल को निलंबित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर पंकज को लाइन हाज़िर कर दिया गया है।
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने 11 नवंबर को लक्ष्मी नगर थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर श्रीपाल को दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए थाने के अंदर से ही गिरफ्तार किया है। सब- इंस्पेक्टर श्रीपाल ने शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए बीस हजार रुपए रिश्वत मांगी।
विजिलेंस यूनिट ने 6 नवंबर को बवाना थाने में अपने कमरे में बलात्कार के आरोपी की पत्नी से रिश्वत लेते हुए सब- इंस्पेक्टर पूजा चौहान को गिरफ्तार किया।
विजिलेंस यूनिट ने ही चार नवंबर को कृष्णा नगर थाने में तैनात एएसआई प्रमोद कुमार को थाने में ही दस हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
विजिलेंस यूनिट ने 24 अक्टूबर को समय पुर बादली थाने के एएसआई कृष्ण चंद को थाने के अंदर ही 25 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
विजिलेंस यूनिट ने 9 अक्टूबर को वसंत कुंज (दक्षिण) थाने में तैनात सिपाही अमित को तीन हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने 24 अक्टूबर को माडल टाउन स्थित साइबर थाने के हवलदार गिरीश महौर को आठ हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
सीबीआई ने 15 अक्टूबर को शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए बुराड़ी थाने के इंस्पेक्टर संदीप अहलावत एवं सब- इंस्पेक्टर भूपेश कुमार को गिरफ्तार किया था। पुलिसवालों ने शिकायतकर्ता से डेढ़ करोड़ रुपए रिश्वत मांगी थी।
सीबीआई ने 13 अगस्त को कालकाजी थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
सीबीआई ने 26 जुलाई को दिल्ली पुलिस के द्वारका सेक्टर- 23 थाने में तैनात एएसआई अनिल कुमार को गाड़ी को छोड़ने की एवज़ में चालीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 22 जुलाई को सरिता विहार थाने के सब- इंस्पेक्टर राजकुमार और एएसआई रघुराज को 35 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।शिकायतकर्ता से उनके विरुद्ध लंबित एफआईआर को रद्द करने के लिए रिश्वत मांगी। 19 जुलाई को हौजखास थाने के सब- इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह यादव को ढाई लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। सब- इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह यादव ने न्यायालय में अनुकूल कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने हेतु शिकायतकर्ता वकील अमित गौतम से 03 लाख रुपए की माँग की।
19 जुलाई को ही पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र थाने के हवलदार सुधाकर और हवलदार राजकुमार को दस हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। एक मामले में शिकायतकर्ता को न फंसाने के लिए 50,000 रुपए की रिश्वत की माँग की। 19 जुलाई को ही गोविन्द पुरी थाना इलाके में स्पेशल ब्रांच में तैनात हवलदार राव कुंवर सेन को पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए शिकायतकर्ता वीरेंद्र गिरि से तीन हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। आठ जुलाई को दिल्ली पुलिस के ज्योति नगर थाने के एटीओ/इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता से कहा कि उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले का जांच अफसर एसीपी दीपक चंद्र पांच लाख रुपए से कम में उनका मामला नहीं निपटाएंगे।
रिश्वत लेने से पहले इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता को एसीपी दीपक चंद्र से मिलवाया भी था। एसीपी दीपक चंद्र ने शिकायतकर्ता को जांच में मदद करने का भरोसा दिया।
तीन जुलाई को सीबीआई ने उत्तर जिले के नारकोटिक्स सैल में तैनात हवलदार रवींद्र ढाका और हवलदार प्रवीण सैनी के ख़िलाफ़ शिकायतकर्ता से दस लाख रुपए रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया। सीबीआई हवलदारों को रंगेहाथ पकड़ने में विफल हो गई।
सीबीआई की टीम को देख कर
हवलदार प्रवीण सैनी और रवींद्र ढाका रिश्वत देने आए शिकायतकर्ता को अपनी कार में अगवा करके फरार हो गए। पिस्तौल की नोंक पर हवलदार चलती कार में शिकायतकर्ता की पिटाई करते रहे और ब्रिटानिया चौक से आगे रिंग रोड पर शिकायतकर्ता को कार से धक्का देकर फरार हो गए। सात जुलाई को दोनों हवलदारों के ख़िलाफ़ रुप नगर थाने में अपहरण, लूट और धमकी मामला दर्ज किया गया।
इस मामले में इंस्पेक्टर सुरेन्द्र और दोनों हवलदारों को निलंबित किया गया। हवलदारों ने जालसाज़ी/धोखाधड़ी करके शिकायतकर्ता के भाई की जमानत करा देने के नाम पर रिश्वत मांगी थी।
इसके पहले 20 जून को छावला थाने के सब- इंस्पेक्टर विजय गौड़ को सीबीआई ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता को एक मामले में गिरफ्तार न करने की एवज़ में तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी थी।