
AGENCIES / NEW DELHI
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि राज्य सरकार की सहमति उसके अधिकार क्षेत्र में सीबीआई जांच के लिए अनिवार्य है और इसके बिना एजेंसी जांच नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की एक पीठ ने कहा कि प्रावधान संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप हैं, जिसे इसकी बुनियादी संरचनाओं में से एक माना गया है।
राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर सीबीआई का दुरूपयोग किये जाने का आरोप लगाती रही हैं। राज्य सरकारों ने कई बार कहा है कि राज्य सरकारों में राजनीतिक विरोधियों का परेशान करने के लिए केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसी का दुरूपयोग करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ये प्रावधान संविधान के संघीय व्यवस्था के अनुरूप है सर्वोच्च अदालत ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में, जिसमें शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के लिए सीबीआई के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता है। ये प्रावधान संविधान के संघीय व्यवस्था के अनुरूप है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के अंतर्गत प्रदान की गई शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के लिए किसी भी मामले में जांच से पहले संबंधित राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उत्तर प्रदेश के फर्टिको मार्केटिंग एंड इंस्वेस्टमेंट लिमिटेड बनाम सीबीआई के मामले में सुनाया। फर्टिको मार्केटिंग एंड इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े एक मामले में अगस्त 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर शीर्ष अदालत ने बुधवार को फैसला दिया।
फर्टिको के कारखाने परिसर में सीबीआई द्वारा किए गए छापे में पाया गया कि उसने कोल इंडिया लिमिटेड के साथ ईंधन आपूर्ति समझौते के तहत जो कोयला खरीदा था, वह कथित तौर पर काले बाजार में बेचा गया था। जिसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। आठ राज्यों यानी कि राजस्थान, बंगाल, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब और मिजोरम द्वारा सीबीआई से आम सहमति वापस लेने के बीच सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसके पहले महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर सीबीआई को राज्य में जांच के लिए दी गई अनुमित वापस ले ली थी। हालांकि जांच की अनुमति महाराष्ट्र सरकार के वापस लेने से जारी छानबीन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर भविष्य में सीबीआई महाराष्ट्र में किसी नए मामले में जांच पड़ताल करना चाहती है, तो उसे राज्य सरकार से इजाजत लेने की जरूरत होगी।
क्या है यह आम या सामान्य सहमति क्या है?
सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम द्वारा शासित की जाती है। यह अधिनियम उसे किसी भी राज्य में जांच के लिए एक राज्य सरकार की सहमति को अनिवार्य करता है।
सामान्य सहमति के वापस लेने का क्या मतलब?
इसका सीधा मतलब है कि सीबीआई बिना केस स्पेसिफिक सहमति मिले इन राज्यों में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई नया मामला नहीं दर्ज कर पाएगी। सामान्य सहमति को वापस लेने का मतलब है कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना इन राज्यों में प्रवेश करते ही किसी भी सीबीआई अफसर के पुलिस अधिकारी के रूप में मिले सभी अधिकार खत्म हो जाते हैं।