
ढाका से ज़ाकिर हुसैन की रिपोर्ट
बांग्लादेश चुनाव आयोग (EC) ने गुरुवार शाम घोषणा की कि देश में 13वाँ राष्ट्रीय संसदीय चुनाव और जुलाई चार्टर पर जनमत-संग्रह आगामी 12 फरवरी 2026 को एक साथ आयोजित किए जाएंगे। यह देश का पहला “ट्विन पोल” होगा और 2008 के बाद पहली बार किसी गैर-राजनीतिक संक्रमणकालीन सरकार के तहत राष्ट्रीय चुनाव होंगे।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
शाम 6 बजे राज्य टीवी पर प्रसारित रिकॉर्डेड संदेश में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) एएमएम नासिरुद्दीन ने आधिकारिक तौर पर चुनाव अनुसूची घोषित की, जिसके साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई।
निर्धारित कार्यक्रम:
- नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि: 29 दिसंबर
- जांच-पड़ताल (Scrutiny): 30 दिसंबर से 4 जनवरी
- अपील दाखिल करने व निपटान:
- अपील दाखिल – 11 जनवरी तक
- निपटान – 18 जनवरी तक
- उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि: 20 जनवरी
- अंतिम उम्मीदवार सूची व चुनाव प्रतीक: 21 जनवरी
- प्रचार अवधि: 22 जनवरी से 10 फरवरी (मतदान दिवस से ठीक पहले सुबह 7:30 बजे तक)
जनमत-संग्रह की प्रक्रिया के तहत नामांकन वापसी की तिथि 26 जनवरी तक बढ़ सकती है।
मतदान का समय बढ़ाया गया
मतदान सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक चलेगा—यानी एक घंटा अधिक—क्योंकि मतदाता दोनों मतदान (राष्ट्रीय चुनाव + जनमत-संग्रह) करेंगे।
देशभर के 300 निर्वाचन क्षेत्रों में
- 12.76 करोड़ मतदाता
- 42,761 मतदान केंद्र
- 2,44,739 बूथों
में वोट डालेंगे।
पहली बार ‘हाइब्रिड पोस्टल बैलेट’
EC पहली बार विदेशों में मौजूद प्रवासी बांग्लादेशियों तथा सरकारी अधिकारी, पोलिंग स्टाफ और कानूनी हिरासत में रहने वाले व्यक्तियों के लिए आईटी-समर्थित हाइब्रिड पोस्टल बैलेट प्रणाली लागू करेगा।
बुधवार शाम तक 2,97,000 प्रवासी मतदाता पंजीकृत हो चुके थे।
इन मतपत्रों में उम्मीदवारों के नाम नहीं होंगे, केवल दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव-चिह्न होंगे।
CEC की अपील: ‘निर्भय होकर वोट दें’
मुख्य चुनाव आयुक्त नासिरुद्दीन ने जनता से “डर के बिना मतदान” करने की अपील की और उम्मीद जताई कि चुनाव “उत्सवी माहौल” में संपन्न होंगे।
EC जल्द ही रिटर्निंग ऑफिसर (RO) और असिस्टेंट RO नियुक्त करेगा, जिनमें ढाका और चट्टोग्राम के डिविजनल कमिश्नर तथा विभिन्न जिलों के DC परंपरागत रूप से शामिल होते हैं। आयोग ने कैबिनेट डिवीजन से कहा है कि परिणाम घोषित होने तक फील्ड-स्तरीय अधिकारियों का तबादला न किया जाए।
चुनाव के नए नियम
इस चुनाव में कई नए प्रावधान लागू होंगे:
- पोस्टर, प्लेकार्ड, बैनर पूर्णतः प्रतिबंधित
- डिजिटल प्रचार और बिलबोर्ड की अनुमति
- अनुसूची घोषित होने के 48 घंटे के भीतर सभी सार्वजनिक स्थानों से प्रचार-सामग्री हटाना अनिवार्य
- सलाहकारों और वरिष्ठ अधिकारियों को सरकारी सुविधाओं का उपयोग कर प्रचार करने की मनाही
- मतदाताओं को प्रभावित करने वाले नए विकास परियोजनाओं की घोषणा पर रोक
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की प्रतिक्रिया
मुख्य सलाहकार प्रो. मुहम्मद यूनुस ने EC से मुलाकात के बाद कहा कि यह चुनाव “नए बांग्लादेश के निर्माण का ऐतिहासिक अवसर” है, जो जुलाई जनआंदोलन के बाद सामने आया है।
उन्होंने फिर दोहराया कि चुनाव “निष्पक्ष और विश्वसनीय” होना चाहिए।
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति मोहम्मद शाहाबुद्दीन को भी ब्रीफ किया और इससे पहले मुख्य न्यायाधीश सैयद रफात अहमद से भी मुलाकात की।
निष्पक्षता पर अभी भी संदेह
प्रख्यात अर्थशास्त्री और CPD के डिस्टिंग्विश्ड फेलो डॉ. देबाप्रिया भट्टाचार्य ने चट्टोग्राम में कहा कि जनता अब यह मानने लगी है कि चुनाव होंगे, लेकिन यह आशंका बरकरार है कि क्या वे वास्तव में स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय होंगे।
उनके अनुसार:
“लोग धीरे-धीरे मान रहे हैं कि चुनाव होंगे, लेकिन यह संदेह खत्म नहीं हुआ कि क्या यह एक अच्छा और स्वीकार्य चुनाव होगा। प्रोफेसर यूनुस ने कहा है कि वह इतिहास का सर्वश्रेष्ठ चुनाव कराएंगे—हम प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
देबाप्रिया ने कहा कि कोई भी सर्वेक्षण चुनाव न होने की आशंका नहीं दर्शाता, लेकिन एक “वास्तव में निष्पक्ष चुनाव” पर सवाल अभी भी हैं।
उन्होंने जनता की इन प्रमुख मांगों पर जोर दिया:
- स्वतंत्र न्यायपालिका
- निष्पक्ष पुलिस व्यवस्था
- राजनेताओं की आय और संपत्ति की पारदर्शिता
उन्होंने पिछले और वर्तमान दोनों अंतरिम सरकारों की आलोचना की कि वे संपत्ति पारदर्शिता सुधार लागू नहीं कर सकीं।
ऐतिहासिक संदर्भ
बांग्लादेश में अंतिम बार किसी गैर-राजनीतिक प्रशासन के तहत चुनाव दिसंबर 2008 में हुआ था।
इसके बाद तीनों चुनाव—2014, 2018 और 2024—आवामी लीग सरकार के अधीन आयोजित हुए।
12 फरवरी 2026 को होने वाले ये “ट्विन पोल” लगभग दो दशकों में बांग्लादेश के सबसे निर्णायक चुनाव माने जा रहे हैं।
