नई दिल्ली
उर्दू डेवलपमेंट आर्गनाइज़ेशन (यूडीओ) ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश के जानेमाने समाज सुधारक, शिक्षाविद और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान को देश का सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान करने की मांग की है। यूडीओ अध्यक्ष डॉ सैयद अहमद खान ने कहा कि भारत सरकार के जरिए महान शिक्षाविद और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदम मोहन मालवीय को दिसम्बर 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पंडित मालवीय और सर सैयद ने हमारे देश के निर्माण और समाज के सुधार के लिए जो कार्य किया है वह इसके हकदार हैं। उन्होंने कहा कि पंडित मालवीय को उनका हक मिल गया है और मगर सर सैयद को अभी तक यह सम्मान मिलने का इंतजार किया जा रहा है। डॉ खान ने बताया कि भारत सरकार भारतीय संस्कृति और इतिहास के उन महान विभूतियों को सम्मानित करती हैं जिन्होंने देश के सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक उत्थान में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि महान शिक्षाविद और समाज सुधारक सर सैयद अहमद ख़ान का योगदान देश की प्रगति में अमिट है। जैसे कि पंडित मदन मोहन मालवीय को उनके शैक्षिक योगदान और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया, उसी प्रकार से सर सैयद अहमद ख़ान भी इस सम्मान के लिए अत्यंत योग्य हैं।यह उल्लेखनीय है कि पंडित मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत वर्ष 2015 में भारत रत्न दिया गया था।
उन्होंने वर्ष 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना की थी, जो आज भी देश के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। उनके प्रयासों ने भारतीय समाज में शिक्षा और सामाजिक जागरूकता को एक नई दिशा दी।उसी तरह सर सै अहमद ख़ान ने वर्ष 1875 में मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज (जो आगे चलकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) बना) की स्थापना की। यह संस्थान न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि सामाजिक सुधार और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक भी है।सर सैयद ने उस दौर में शिक्षा का प्रचार किया जब भारतीय समाज में अज्ञानता और भेदभाव अपने चरम पर थी।
उन्होंने आधुनिक शिक्षा, विज्ञान, और तर्कशीलता को बढ़ावा देकर समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया। यह देश के लिए गर्व की बात होगी कि एक महान शिक्षाविद और समाज सुधारक सर सैयद अहमद ख़ान को भी भारत रत्न के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया जाए। इससे न केवल उनके योगदान का सही मूल्यांकन होगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को भी शिक्षा के महत्व, सामाजिक सुधार, और सहिष्णुता के प्रति प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि इस विषय पर केंद्र सरकार को सकारात्मक विचार करते हुए सर सैयद अहमद ख़ान को भारत रत्न से सम्मानित करने का रास्ता हमवार करना चाहिए।