
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस गंभीर स्टाफ संकट का सामना कर रही है, जहां कांस्टेबल से लेकर डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) तक कुल 9,248 पद रिक्त पड़े हैं। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद प्रकाश चिक बड़ाइक द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि दिल्ली पुलिस की कुल स्वीकृत (सैंक्शन) संख्या 92,044 है।
30 नवंबर 2025 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पदवार स्वीकृत संख्या इस प्रकार है:
पुलिस आयुक्त – 1; विशेष सीपी – 11; संयुक्त सीपी – 22; अतिरिक्त सीपी – 20; डीसीपी/अतिरिक्त डीसीपी – 60; अतिरिक्त डीसीपी (जेएजी) – 54; एसीपी – 346; इंस्पेक्टर – 1,453; सब-इंस्पेक्टर – 8,087; असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर – 7,320; हेड कांस्टेबल – 23,724; और कांस्टेबल – 50,946, जिससे कुल संख्या 92,044 होती है।
इसी अवधि में रिक्त पदों की संख्या इस प्रकार बताई गई है: डीसीपी/अतिरिक्त डीसीपी – 13; अतिरिक्त डीसीपी (जेएजी) – 15; एसीपी – 125; इंस्पेक्टर – 108; सब-इंस्पेक्टर – 1,039; असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर – 300; हेड कांस्टेबल – 3,057; और कांस्टेबल – 4,591, यानी कुल 9,248 पद खाली हैं।
श्री राय ने सदन को बताया कि पुलिस बल में रिक्तियां एक गतिशील प्रक्रिया हैं, जो सेवानिवृत्ति, पदोन्नति और इस्तीफों जैसे कारणों से उत्पन्न होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि इन पदों को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है और रिक्तियों की जानकारी नियमित रूप से भर्ती एजेंसियों को दी जाती है। निर्धारित भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियुक्तियां की जाती हैं, जिसमें लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण और चिकित्सकीय जांच शामिल हैं।
