ओटीटी कंटेंट केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्डे के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहेगा: केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन

AMN

केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा है कि ओटीटी कंटेंट केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्डे (सीबीएफसी) के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहेगा। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, डॉ. मुरुगन ने कहा कि ओटीटी सामग्री सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 के भाग तीन के प्रावधानों के तहत विनियमित होता है।

उन्होंने कहा कि आचारनीति संहिता के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्मों को कानून द्वारा प्रतिबंधित सामग्री दिखाने से बचना होगा और दिशानिर्देशों के अनुसार कंटेंट का उम्र के आधार पर वर्गीकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि ये नियम कंटेंट से संबंधित मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने और सार्वजनिक शिकायतें दूर करने के त्रि-स्तरीय संस्थागत तंत्र रूपरेखा से संचालित हैं। इनमें सामग्री प्रसारि करने पर स्व- नियंत्रण, स्व-नियंत्रण करने वाले निकायों द्वारा नियंत्रण और केंद्र सरकार का निगरानी तंत्र शामिल हैं।

डॉ. मुरुगन ने बताया कि ओटीटी कंटेंट से संबंधित शिकायतों को निवारण तंत्र के स्तर-एक के तहत उचित कार्रवाई के लिए संबंधित ओटीटी प्लेटफॉर्मों को भेजा जाता है, जो सामग्री प्रदर्शकों द्वारा स्व नियंत्रित है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन एक वैधानिक प्राधिकरण है जिसे सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के तहत सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए सिनेमैटोग्राफिक फिल्मों की जांच और प्रमाणन के लिए स्थापित किया गया है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में डॉ. मुरुगन ने कहा कि सरकार की नीतियों का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों सहित सामग्री उपयोगकर्ताओं के लिए खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है कि भारत में इंटरनेट किसी भी प्रकार के गैरकानूनी कंटेंट या जानकारी, विशेष रूप से अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट से मुक्त हो।

उन्होंने कहा कि आईटी अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी -इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड नियम, 2021 ने मिलकर डिजिटल स्पेस में गैरकानूनी और हानिकारक कंटेंट से निपटने के लिए सख्त ढांचा तैयार किया है। यह इंटरमीडियरीज पर जवाबदेही सुनिश्चित करने का स्पष्ट दायित्व डालता है। डॉ. मुरुगन ने बताया कि सरकार ने अश्लील कंटेंट दिखाने पर देश में अब तक 43 ओटटी प्लेटफॉर्मों को सार्वजनिक पहुंच से बाहर कर दिया है।