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वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि गैर निष्पादित परिसंपत्तियों और उच्च पूंजी प्रचुरता अनुपात के कम स्तर के साथ भारत की बैंकिंग प्रणाली मजबूत रही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र का मुख्य उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ऋण प्रदान करना विकास को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। वित्त मंत्री ने अमरीका के न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एक सत्र में यह बात कही।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि पहले वंचित रहने वाले लाखों नागरिकों को डिजिटल वित्तीय समावेशन की पहुंच प्रदान करने के साथ डिजिटल अवसंरचना के निवेश ने भारत की अर्थव्यवस्था को वित्तीय झटकों को झेलने में और सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने वाली भारतमाला और सागरमाला जैसी बड़ी परियोजनाओं के साथ भारत के बुनियादी ढांचा विकास में वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री ने जटिल वैश्विक वातावरण के बावजूद भारत का वृहद आर्थिक आधार मजबूत बना हुआ है। इस बुनियाद पर भविष्य का विकास टिका हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत, फिलहाल बाजार विनिमय दरों के मामलों में विश्व में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि वर्ष 2013 में यह दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि अगले पांच वर्षों में वैश्विक विकास में भारत के योगदान में दो सौ आधार अंकों की वृद्धि होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।