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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के बीच भारत के लिए बड़ी खुशखबरी है। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी दिसंबर तक भारत को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 टीके के 10 करोड़ डोज भारत को उपलब्ध कराने की तैयारी में है। इसके साथ ही भारत में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि यदि फाइनल स्टेज ट्रायल के डेटा में यह वैक्सीन प्रभावी पाई जाती है तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया लिमिटेड को आपतकालीन मंजूरी मिल सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के साथ कम से कम 1 अरब डोज तैयार करने का समझौता किया है।

पूनावाला ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा कि शुरुआत में वैक्सीन भारत को दिया जाएगा। अगले साल की शुरुआत में पूर्ण मंजूरी के बाद दक्षिण एशियाई देशों और कोवाक्स के साथ 50-50 आधार पर वितरण हो सकेगा। कोवाक्स की ओर से करीब देशों के लिए कोरोना वैक्सीन की खरीद की जा रही है। सीरम ने पांच वैक्सीन डिवेलपर्स के साथ समझौता किया है। कंपनी पिछले दो महीनों में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के 4 करोड़ डोज तैयार कर चुकी है और नोवावाक्स इंक के टीके का उत्पादन भी जल्द शुरू करने का लक्ष्य है।

39 वर्षीय पूनावाला ने कहा, ”हम कुछ चिंतित थे, यह एक बड़ा जोखिम था। लेकिन एस्ट्राजेनेका और नोवावाक्स के शॉट अच्छे दिख रहे हैं।” कोविड-19 वैक्सीन के लिए दुनिया भारत की ओर देख रही है, जहां सबसे अधिक वैक्सीन उत्पादन की क्षमता है। एस्ट्राजेनेका के सीईओ पासकल सोरियट ने कहा कि वह दिसंबर से बड़े पैमाने पर टीकाकरण की तैयारी कर रहे हैं। एक बार यदि ब्रिटेन से इसे आपतकालीन मंजूरी मिल जाती है, सीरम उसी डेटा को भारतीय समकक्ष को सौंपेगी।

वैक्सीन निर्माताओं को अब डेटा मिल रहे हैं, जिससे पता चलेगा कि उनका टीका कितना काम कर रहा है। लेकिन अभी कई बाधाएं बाकी हैं। एस्ट्रा और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को अभी परीक्षण के परीणाम देखने हैं। और यदि उनका वैक्सीन प्रभावी साबित भी हो जाती है और नियामकों से मंजूरी मिल जाती है तो सवाल होगा कि कितनी आसनी और जल्दी से टीकों का वितरण किया जा सकता है।