
By Aditi Prasad Apte, Senior – Clinical Nutritionist
आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में ब्लैक कॉफी एक आम पेय बन चुकी है। ऑफिस जाने से पहले, पढ़ाई के दौरान या थकान दूर करने के लिए लोग इसका सहारा लेते हैं। केवल कॉफी पाउडर और गर्म पानी से तैयार होने वाली यह साधारण-सी दिखने वाली ड्रिंक स्वास्थ्य के लिहाज़ से कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है, बशर्ते इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए।
ब्लैक कॉफी में न तो दूध होता है और न ही शक्कर, इसलिए यह कम कैलोरी वाला पेय है। यही कारण है कि इसे फिटनेस विशेषज्ञ और डॉक्टर भी सीमित मात्रा में लेने की सलाह देते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं।
ऊर्जा और एकाग्रता में वृद्धि
विशेषज्ञों के अनुसार ब्लैक कॉफी में मौजूद कैफीन दिमाग को सक्रिय करता है। यह नींद दूर करने, सतर्कता बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने में सहायक है। सुबह या काम शुरू करने से पहले एक कप ब्लैक कॉफी पीने से मानसिक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे कार्यक्षमता में सुधार होता है। यही वजह है कि छात्र और पेशेवर वर्ग में इसकी लोकप्रियता अधिक है।
वजन नियंत्रण में सहायक
ब्लैक कॉफी वजन घटाने वालों के लिए भी लाभकारी मानी जाती है। यह शरीर के मेटाबॉलिज़्म को तेज़ करती है और फैट बर्न करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। कई फिटनेस प्रशिक्षक वर्कआउट से पहले ब्लैक कॉफी पीने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे सहनशक्ति बढ़ती है और कैलोरी अधिक मात्रा में बर्न होती है।
हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ब्लैक कॉफी का सेवन दिन में एक से दो कप तक सीमित रखा जाए, तो यह हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है और सूजन को कम करने में मदद करती है। हालांकि, अत्यधिक सेवन से दिल की धड़कन तेज़ होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
डायबिटीज़ के जोखिम में कमी
कुछ शोधों में यह पाया गया है कि नियमित रूप से ब्लैक कॉफी पीने वालों में टाइप-2 डायबिटीज़ का खतरा अपेक्षाकृत कम होता है। इसका कारण यह है कि कॉफी शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाती है। विशेषज्ञों के अनुसार यह लाभ केवल बिना शक्कर वाली ब्लैक कॉफी से ही मिलता है।
लिवर के लिए लाभकारी
ब्लैक कॉफी को लिवर के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी माना जाता है। इसके नियमित सेवन से फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। यह लिवर एंजाइम्स को संतुलित रखने और डिटॉक्स प्रक्रिया में सहायता करती है।
मूड और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
कैफीन डोपामिन हार्मोन को सक्रिय करता है, जिससे व्यक्ति का मूड बेहतर होता है और तनाव कम महसूस होता है। इसके अलावा, विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्लैक कॉफी अल्ज़ाइमर और पार्किंसन जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकती है।
कितनी मात्रा है सुरक्षित?
डॉक्टरों के अनुसार अधिकांश वयस्कों के लिए दिन में एक से दो कप ब्लैक कॉफी सुरक्षित मानी जाती है। इससे अधिक मात्रा में सेवन करने पर घबराहट, एसिडिटी, नींद की समस्या और तेज़ हृदयगति जैसी परेशानियां हो सकती हैं। देर शाम या रात में कॉफी पीने से बचने की सलाह दी जाती है।
किन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए?
एसिडिटी, पेट के अल्सर, अत्यधिक चिंता, अनियंत्रित ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों और गर्भवती महिलाओं को ब्लैक कॉफी का सेवन करने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेने की आवश्यकता होती है।
ब्लैक कॉफी यदि संतुलित मात्रा में ली जाए, तो यह एक स्वास्थ्यवर्धक पेय साबित हो सकती है। ऊर्जा बढ़ाने से लेकर वजन नियंत्रण, लिवर सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य तक इसके कई लाभ हैं। हालांकि, किसी भी चीज़ की अति नुकसानदेह हो सकती है, इसलिए संयम ही इसका सबसे बड़ा मंत्र है।
