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बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कल सत्र के पहले दिन विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करेगी। एनडीए नेताओं ने कहा है कि वे 243 सदस्यों के सदन में आत्मविश्वास के साथ बहुमत साबित करेंगे। उधर, विपक्षी राष्‍ट्रीय जनता दल सदन में अपनी रणनीति पर चुप्पी साधे हुए है। राष्‍ट्रीय जनता दल सदस्‍य तथा विधानसभा अध्‍यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने इस्‍तीफा देने से इनकार कर दिया हैा कल एनडीए सरकार के विश्वास मत से पहले श्री चौधरी को भाजपा और जनता दल यूनाइटेड सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शाम पटना में पार्टी विधायकों की बैठक की और उन्हें कल की रणनीति की जानकारी दी। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार ने बैठक के बाद बताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन अच्‍छी स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विपक्षी महागठबंधन के पास बहुमत नहीं है इसलिए सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए श्री चौधरी को  इस्तीफा दे देना चाहिए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने पटना में कहा कि एनडीए की जीत पहले ही तय हो चुकी है क्योंकि नंबर गेम सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में है। राष्‍ट्रीय जनता दल नेता मनोज झा ने आरोप लगाया श्री चौधरी के खिलाफ अविश्वास नोटिस के लिए सर्वोच्‍च न्‍यायालय के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया।

दलबदल की किसी भी संभावना को विफल करने के लिए भाजपा और राष्‍ट्रीय जनता दल ने भी कई बैठकें कीं।

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए को 128 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें भाजपा, जनता दल यूनाइटेड, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। राष्‍ट्रीय जनता दल-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 114 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। विधानसभा में बहुमत साबित करने का जादुई आंकड़ा 122 है।