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प्रधानमंत्री ने अक्षय ऊर्जा के संबंध में कहा कि भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जिस गति से बढ़ रहा है, वह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वच्‍छ ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की असाधारण सफलता दुनियाभर में चर्चा का विषय है। श्री मोदी ने कहा कि भारत के लोगों का सदियों से सूर्य के साथ विशेष नाता रहा है। उन्‍होंने कहा कि सूर्य की शक्ति को लेकर भारत में एक वैज्ञानिक समझ रही है और यहां सूर्य-उपासना की जो परंपरा है, वह अन्यत्र कम ही देखने को मिलती है। उन्‍होंने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि आज हर व्‍यक्ति सौर ऊर्जा के महत्‍व को समझ रहा है और स्‍वच्‍छ ऊर्जा में योगदान करना चाहता है। श्री मोदी ने कहा कि सबका प्रयास की इस भावना के कारण ही भारत का सौर मिशन आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने महाराष्‍ट्र में पुणे का उदाहरण दिया जहां एमएसआर- ओलिव हाउसिंग सोसाइटी ने पेयजल, लिफ्ट और रोशनी के लिए केवल सौर ऊर्जा के उपयोग का निर्णय लिया है। इस सोसाइटी के लोगों ने सौर पैनल लगाए हैं जिनसे लगभग 90 हजार किलोवाट घंटा बिजली का उत्‍पादन हो रहा है जिससे प्रतिमाह लगभग 40 हजार रुपए की बचत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दीव, भारत का ऐसा पहला जिला बन गया है जहां दिन की सभी जरूरतों के लिए केवल स्‍वच्‍छ ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि दीव में बंजर ज़मीन और कई भवनों में सौर पैनल लगाए गए हैं जिनसे दिन के लिए जरूरत से अधिक बिजली का उत्‍पादन होता है। इस सौर परियोजना से बिजली खरीद के मद में लगभग 52 करोड़ रुपए की बचत हुई है। श्री मोदी ने कहा कि इन प्रयासों से पर्यावरण और प्रकृति के प्रति भारतीय जनमानस की संवेदनशीलता का पता चलता है।

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