प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए रविवार, 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू की घोषणा की है। यह व्यक्ति द्वारा खुद अपने आप पर लागू कर्फ्यू होगा।

श्री मोदी ने कहा कि इस अवधि के दौरान केवल आवश्यक सेवा में लगे लोगों को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। प्रधानमंत्री कल शाम राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने देशवासियों से डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों और सफाई कर्मचारियों की सेवा के प्रति आभार व्यक्त करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि रविवार शाम पांच बजे पांच मिनट के लिए हर व्यक्ति अपने घर की बालकनी, खिड़की या दरवाजे पर आकर ताली बजाकर इन सेवा कर्मियों को धन्यवाद दे और उनका हौसला बढ़ाए।

उन्होंने लोगों से जहां तक संभव हो घर से काम करने और अत्यंत आवश्यक होने पर ही बाहर निकलने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने 65 वर्ष से ऊपर के नागरिकों से घर पर रहने का विशेष आग्रह किया।

श्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मौजूदा चरण में भीड़भाड़ से बचना बहुत जरूरी है। उन्होंने लोगों से इन दिनों नियमित जांच के लिए अस्पताल जाना टालने का आग्रह किया, ताकि चिकित्सा कर्मियों पर काम का बोझ कम हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित रखने के लिए हर आवश्यक उपाय कर रही है। उन्होंने लोगों से घबराहट में खरीदारी नहीं करने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने व्यवसायी समुदाय से अपने कर्मचारियों की आर्थिक जरूरतों का ध्यान रखने को कहा और काम पर आने में असमर्थ होने की स्थिति में उनका वेतन नहीं काटने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने वित्त मंत्री की अध्यक्षता में कार्यबल गठित करने का फैसला किया है, जो सभी पक्षों से बातचीत करेगा।

श्री मोदी ने कहा कि जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो आमतौर पर यह कुछ देशों तक ही सीमित रहती है। लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया है, जिससे गंभीरता और बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और संक्रमण का फैलाव रोकने में नागरिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। श्री मोदी ने आगाह किया कि भारत जैसे बड़ी आबादी वाले विकासशील देश में इस संक्रमण से निपटना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए संकल्प और संयम अनिवार्य हैं।

प्रधानमंत्री ने लोगों से संकल्प और संयम की शक्ति के साथ केन्द्र और राज्य सरकारों के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे संकट के समय केवल एक मंत्र प्रभावी सिद्ध होता है- हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ। प्रधानमंत्री ने कहा कि एहतियाती उपाय बरतना इसलिए जरूरी है कि जब हम स्वस्थ रहेंगे तो पूरा विश्व स्वस्थ रहेगा।