सुधीर कुमार

चालू वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी ग्रोथ 13.5 फीसदी रही है। NSO के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP)
की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोर सेक्‍टर आउटपुट की रफ्तार घटी है। जुलाई में यह 4.5 फीसदी रही। पिछले साल इसी अवधि में यह 9.9 फीसदी थी। जुलाई तक चालू वित्‍त वर्ष के पहले चार महीनों में फिस्‍कल डेफिसिट 3.41 लाख करोड़
रुपये रहा है।

प्रमुख सेक्टर्स की ग्रोथ

सेक्टर

Q1FY23

Q1FY22

माइनिंग

8.6%

46.6%

सर्विसेज

17.6%

10.5%

मैन्युफैक्चरिंग

4.8%

49%

एग्रीकल्चर

4.5%

2.2%

ट्रोड, होटल्स

25.7%

34.3%

माइनिंग

6.5%

18%

पावर एंड गैस

14.7%

13.8%

कंस्ट्रक्शन

16.8%

71.3%

आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जुलाई की अवधि में टोटल रिसीप्‍ट यानी प्राप्तियां 7.86 लाख करोड़ रुपये रहीं। इसके उलट कुल खर्च 11.27 लाख करोड़ रुपये था। इस साल के बजट लक्ष्‍य का ये 34.4 फीसदी और 28.6 फीसदी हैं। रेवेन्‍यू रिसीप्‍ट्स की बात करें तो ये 7.56 लाख करोड़ रुपये रहीं।
इसमें टैक्‍स रेवेन्‍यू 6.66 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, नॉन टैक्‍स रेवेन्‍यू 895.83 अरब रुपये था। अर्थशास्त्रियों ने पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ डबल डिजिट में रहने का अनुमान जाहिर किया था। वित्‍त वर्ष 2021-22 की चौथी यानी जनवरी-मार्च
तिमाही में देश की अर्थव्‍यवस्‍था 4.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी।

सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि ग्रॉस वैल्‍यू ऐडेड (जीवीए) जून तिमाही में 12.7 फीसदी बढ़ा है। यह बढ़ोतरी कॉन्‍सटेंट टर्म्‍स में बेसिक प्राइस पर है। वहीं, करेंट प्राइस पर जीवीए में 26.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

रिजर्व बैंक के अनुमान से कम रही ग्रोथ

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर करीब 16.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। चीन की वृद्धि दर 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में 0.4 प्रतिशत रही है। RBI ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति संबंधी बैठक में कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ रेट करीब
16.2% रहने की संभावना है। RBI ने FY23 के लिए रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% पर बरकरार रखा।