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देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या आज 29 हजार 974 हो गई। अब तक 937 लोगों की संक्रमण से मृत्यु हुई है। 22 हजार दस रोगियों का उपचार चल रहा है, जबकि सात हजार 26 रोगी ठीक हो चुके हैं। एक रोगी देश से बाहर चला गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि भारत में कोविड-19 रोगियों के ठीक होने की दर निरंतर बढ़ रही है। पिछले 28 दिन में 17 जिलों में किसी भी व्यक्ति को संक्रमण नहीं हुआ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों से पता चला है कि कोविड-19 से अत्यधिक संक्रमित 20 देशों की कुल जनसंख्या भारत के बराबर है। इन देशों में भारत की तुलना में संक्रमित लोगों की संख्या 84 गुना अधिक है। अधिकारी ने बताया कि भारत की तुलना में इन 20 देशों में कोविड-19 से दो सौ प्रतिशत अधिक लोगों की मृत्यु हुई।
अधिकारी ने बताया कि कोविड़-19 के उपचार के लिए प्लाज्मा थैरेपी सहित कोई भी चिकित्सा पद्धति स्वीकृत नहीं है। जब तक भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद का अध्ययन पूरा नहीं होता और कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं होता तब तक प्लाज्मा थैरेपी केवल अनुसंधान या परीक्षण के उद्देश्य से उपयोग की जानी चाहिए। अधिकारी ने बताया कि यदि उपयुक्त मार्गदर्शन के बिना प्लाज्मा थैरेपी सही ढ़ंग से इस्तेमाल न की जाए, तो इससे जान जोखिम में डालने वाली जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
गृह मंत्रालय की अधिकारी ने कहा कि अहमदाबाद में केंद्रीय दल ने पता लगाया कि आवश्यकता के अनुसार रोगियों को समर्पित कोविड-19 अस्पतालों में भेजने के लिए प्रशासन के पास पर्याप्त सुविधा है। ऐसे अस्पतालों में 19-20 रोगी भेजे गए हैं। अहमदाबाद में केंद्रीय दल को यह भी मालूम हुआ कि पुलिस और डॉक्टरों की टीम की संयुक्त निगरानी में क्वारंटीन क्लस्टर के प्रवेश बिंदुओं पर नजर रखी जा रही है। अहमदाबाद में रोगियों के रिश्तेदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद केंद्रीय दल ने बताया कि अस्पतालों में संतोषजनक सुविधाएं हैं।
अहमदाबाद प्रशासन ने मतदाता सूचियों, प्रोजेक्ट लाइफलाइन और अन्य स्रोतों से उपलब्ध आंकडों के इस्तेमाल तथा घर-घर जाकर सर्वे करने सहित अनेक कदम उठाए हैं, ताकि संवेदनशील आबादी की निगरानी की जा सके और उनकी जांच की जा सके।
अहमदाबाद में केंद्रीय दल ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार की मदद से राज्य सरकार सरदार पटेल अस्पताल में बहुउद्देशीय अनुसंधान यूनिट स्थापित करे, जहां कोविड-19 की जांच की सुविधा हो। अहमदाबाद में केंद्रीय दल को पता चला कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम योद्धा समिति का गठन किया गया है, जो लोगों के घरों तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुगम बनाने के साथ लॉकडाउन के उपायों का अनुपालन भी करा रही हैं। केंद्रीय दल ने सिफारिश की है कि अन्य राज्यों में भी ऐसी पद्धति अपनाई जानी चाहिए।
केंद्रीय दल काठवाडा और नरोदा आश्रय स्थलों में भी गया। इस दल ने सुझाव दिया कि मजदूरों को 33 आश्रय स्थलों में सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए ठहराया जा सकता है, जहां पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं।
केंद्रीय दल को यह जानकारी भी मिली कि साणंद औद्योगिक क्षेत्र में दवाइंयां बनाने के उद्योगों में काम चल रहा है। 50 हजार मजदूरों में से लगभग 30 हजार अपने घर लौट गए हैं।
केंद्रीय दल ने वस्त्र और हीरा उद्योग सहित विभिन्न पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया। वस्त्र और हीरा उद्योग में सबसे अधिक मजदूरों को रोजगार मिला है। इनमें से ज्यादातर मजदूरों को पिछले महीने वेतन मिल गया। केंद्रीय दल को पता चला कि सूरत प्रशासन कोविड-19 रोगियों का पता लगाने और निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहा है।