राजधानी दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में मामूली बढ़ोतरी के बीच सरकार ने एहतियातन सतर्कता बढ़ा दी है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने हालात की समीक्षा करते हुए बताया कि फिलहाल दिल्ली में 23 सक्रिय कोविड केस सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि निजी लैब्स द्वारा की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संक्रमितों की नागरिकता और उनकी हालिया यात्रा इतिहास की जांच की जा रही है, ताकि संक्रमण के स्रोत का पता लगाया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने नागरिकों से घबराने की आवश्यकता न होने की बात दोहराते हुए भरोसा दिलाया कि दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है। सरकारी अस्पतालों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठकें हो रही हैं ताकि हालात पर निरंतर नजर रखी जा सके। सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोविड उपचार के लिए जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें, जिनमें ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, कोविड बेड, दवाएं और वैक्सीन शामिल हैं।

मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि अगले 100 दिनों में राजधानी में 39 नए आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे, जिससे दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। कोविड से निपटने की रणनीति के तहत अस्पतालों को नई एडवाइजरी जारी की गई है और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग देने की भी योजना बनाई गई है। आईएलआई (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) के मामलों की नियमित रिपोर्टिंग की व्यवस्था की गई है, जो IHIP पोर्टल और दिल्ली स्टेट हेल्थ डेटा पोर्टल पर साझा की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुसार जांच करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत सभी एसएआरआई मामलों और आईएलआई के 5% मामलों की जांच अनिवार्य होगी। कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोकनायक अस्पताल भेजे जाएंगे ताकि किसी भी नए वेरिएंट की पहचान समय रहते की जा सके। सभी अस्पताल परिसरों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और श्वसन संबंधी शिष्टाचारों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकार ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, कोविड नियमों का पालन करें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत जांच करवाएं। सतर्कता ही सुरक्षा है—इस मंत्र के साथ सरकार ने महामारी के खिलाफ एक बार फिर कमर कस ली है।