AMN

देशभर में पिछले 24 घंटे के दौरान एक हजार पैंतीस लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमित लोगों की संख्‍या सात हजार चार सौ सैंतालीस हो गई हैं। इनमें से 642 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्‍हें अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 239 लोगों की मौत हो गई है।

स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने आज दिल्‍ली में संवाददाताओं को बताया कि भारत सरकार कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए सक्रियता के साथ काम कर रही है और इसके लिए चरणबद्ध तरीका अपनाया है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों के सहयोग से केन्‍द्र पीपीई, एन-95 मॉस्‍क, जांच किट तथा वेंटीलेटर की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है। इसके अलावा कोविड-19 के इलाज के लिए 586 विशेष अस्‍पताल तैयार किए गए हैं।

इनमें एक लाख से अधिक आइसोलेशन बेड और लगभग 11 हजार पांच सौ आई सी यू की व्‍यवस्‍था की गई है। उन्‍होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और श्‍वसन प्रणाली से जुड़े स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं।

मंत्रालय ने जि़ला मजिस्‍ट्रेटों से अनुरोध किया है कि वे जि़ला स्‍तर पर बनाई गई आपात योजनाओं में इसे शामिल करें। श्री अग्रवाल ने कहा क‍ि सरकार मुख्‍य रूप से संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने की नीति और योजना तथा संक्रि‍मत लोगों के सम्‍पर्कों का पता लगाने पर विशेष ध्‍यान दे रही है। इसके साथ ही कोविड-19 के रोगियों के नैदानिक प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्‍य सरकारों के साथ सहयोग कर रही है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के विश्‍लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि लॉकडाउन और नियंत्रण के उपाय कोविड-19 से निपटने के लिए बेहद ज़रूरी है। उन्‍होंने कहा कि अगर ये उपाय नहीं किए गए होते तो अब तक संक्रमण के मामले दो लाख तक पहुंच गए होते।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आईसीएमआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्‍टर रामन गंगाखेड़कर ने कहा कि अब तक एक लाख 71 हजार सात सौ 18 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 16 हजार पांच सौ 64 नमूनों की जांच कल की गई। उन्‍होंने बताया कि आई.सी.एम.आर के तहत एक सौ 46 प्रयोगशालाओं में जांच का काम किया जा रहा है। निजी क्षेत्र की 67 प्रयोगशालाओं में भी यह काम हो रहा है।