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केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने आगामी त्‍योहारों के मौसम में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के उपायों के सिलसिले में आज मानक संचालन प्रक्रिया जारी की। भारत में अक्‍टूबर से दिसंबर तक अनेक त्‍योहार मनाए जाते हैं। इस अवसर पर लोग सामूहिक पूजा, मेले, रैली, प्रदर्शनी और सांस्‍कृतिक उत्‍सावों का भी आयोजन करते हैं।

मंत्रालय ने कहा है कि कोविड महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों के दौरान रोकथाम के उपायों पर अमल करना जरूरी है। 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, पुराने रोगियों, गर्भवती महिलाओं और दस साल से कम उम्र के बच्‍चों को इस दौरान घर पर ही बने रहने की सलाह दी गई है।

मंत्रालय ने इस तरह के आयोजन स्‍थलों की सीमाओं की पहचान करने और उनमें थर्मल स्क्रीनिंग यानी लोगों के शारीरिक तापमान पर नजर रखने, लोगों के एक-दूसरे के संपर्क में आते समय सुरक्षित दूरी बनाए रखने और साफ-सफाई का ध्‍यान रखने की विस्‍तृत योजना तैयार करने को भी कहा है।

रैलियों और प्रतिमा विसर्जन समारोह के दौरान जमा होने वाले लोगों की संख्‍या निर्धारित सीमा से अधिक न होने का ध्‍यान रखने, एक-दूसरे से सुरक्षित दूरी बनाए रखने और आवश्‍यक रूप से मास्‍क पहनने को भी कहा गया है। इस तरह के आयोजनों की संख्‍या और रैली द्वारा तय की जाने वाली दूरी सीमित रखी जानी चाहिए।

कई सप्‍ताहों तक चलने वाली प्रदर्शनियों, मेलों, पूजा पंडालों, रामलीला पंडालों या संगीत और नाटक समारोहों में भी लोगों की संख्‍या का ध्‍यान रखे के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय के अनुसार ऐसी व्‍यवस्‍था की जानी चाहिए जिससे लोग आयोजन स्‍थलों पर एक-साथ पहुंचने की बजाय कुछ अंतराल से पहुंचें। दिशा-निर्देशों के अनुसार केवल टेनमेंट जोन्‍स यानी वर्जित क्षेत्रों से बाहर ही उत्‍सवों के आयोजन की इजाजत होगी।

केंटेनमेंट जोन में रहने वालों को अपने घरों में ही रहने और घर के भीतर ही उत्‍सव-त्‍योहार मनाने को प्रेरित किए जाने का भी निर्देश दिया गया है। जनता को सलाह दी गई है कि वे एक-दूसरे के संपर्क में आते समय जहां तक संभव हो, कम से कम छह फुट की दूरी बनाए रखें। धार्मिक स्‍थानों में प्रतिमाओं और पवित्र धर्म ग्रंथों को छूने की इजाजत नहीं होगी।

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