
असम में बाढ की स्थिति में आज सुधार देखा गया। हालांकि, राज्य में 11 जिलों के तकरीबन 740 गांवों में ढाई लाख से ज्यादा लोग बाढ की जद में हैं। बाढ के कारण आज कामरूप जिले में तीन लोगों की मौत हो गई। राज्य सरकार ने बचाव अभियान में राज्य आपदा मोचन बल के दलों को लगाया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 25 हजार से ज्यादा लोग एक सौ तीस राहत शिविरों में हैं। राज्य में कोई भी नदी किसी भी स्थान पर खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है।
कामरूप जिले में बाढ की स्थिति में सुधार को देखते हुए ब्रह्मपुत्र नदी में गुवाहाटी और उत्तरी गुवाहाटी के बीच आज फैरी सेवा बहाल कर दी गई।
इस बीच, मौसम विभाग ने बताया है कि चिरांग, बक्सा, धेमाजी, डिब्रूगढ, तिनसुखिया और कछार, श्रीभूमि और हेलाकांडी की बराक घाटी में मध्यम स्तर की वर्षा होने का अनुमान है।
राज्य में बाढ और भू-स्खलन में अभी तक 26 लोगों की मौत हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष अब तक बाढ़ और भूस्खलन में कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र सहित प्रमुख नदियों का जलस्तर घट रहा है, हालांकि उनमें से कुछ अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शनिवार शाम तक, धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी, धर्मतुल में कोपिली नदी, बीपी घाट क्षेत्र में बराक नदी और श्रीभूमि में कुशियारा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी।
12 जिलों में बाढ़ से कुल 3,37,358 लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें श्रीभूमि सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 1.93 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि हैलाकांडी में 73,724 और कछार में 56,398 लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं और 36,000 से अधिक विस्थापित लोगों ने राज्य में 133 राहत शिविरों में शरण ली है। 68 राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं। राज्य में 12,659 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
अधिकारियों ने कहा कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य भी बाढ़ से प्रभावित हैं। इस बीच, अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) विभाग के एक बयान में कहा गया है कि रविवार को गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी पर नौका सेवाएं आंशिक रूप से फिर से शुरू होंगी।