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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से जमीनी स्तर पर पुलिस की कार्यकुशलता और उत्तरदायित्व बढ़ेगा। श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ राष्ट्रीय राजधानी में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में इन आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन में अधिकारियों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए। उन्होंने कहा कि साठ और नब्बे दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की जानी चाहिए और इस समयसीमा का कड़ाई से पालन होना चाहिए।

श्री शाह ने यह भी निर्देश दिया कि जघन्य अपराधों के मामलों में सजा की दर कम से कम 20 प्रतिशत तक किेए जाने के प्रयास होने चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि ई-समन सीधे अदालतों से जारी किए जाने चाहिए, जिनकी प्रतियां स्थानीय पुलिस थानों को भेजी जाएं।

श्री शाह ने अभियोजन निदेशालय में नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया कि किसी भी मामले में अपील के संबंध में निर्णय अभियोजन निदेशालय द्वारा ही किए जाएंँ।

बैठक में पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस आयुक्त और अन्य लोगों ने भाग लिया।

तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 पिछले वर्ष जुलाई में लागू हुए थे।

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