रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) के दीक्षांत समारोह में कहा कि आज के दौर में युद्ध जीतने के मायने बदल गए हैं। अब केवल बंदूकें और गोलियां नहीं, बल्कि सटीक लॉजिस्टिक्स प्रबंधन और समय पर संसाधनों की आपूर्ति ही निर्णायक भूमिका निभाती है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को इसका उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारतीय लॉजिस्टिक्स की रणनीतिक क्षमता का प्रतीक था।

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि लॉजिस्टिक्स को सिर्फ माल ढुलाई की प्रक्रिया समझना एक बड़ी भूल होगी। यह वह अदृश्य शक्ति है जो किसी भी संकट को नियंत्रण में ला सकती है — चाहे वह युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा हो या वैश्विक महामारी। कोविड-19 के दौरान लाखों टीकों, ऑक्सीजन सिलेंडरों और चिकित्सा सहायता को सही समय पर पहुँचाने में इसी लॉजिस्टिक्स का अहम योगदान रहा।

उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर आज एक समन्वित और आधुनिक दिशा में आगे बढ़ रहा है — जिसमें रेलवे, बंदरगाह, सड़कों से लेकर हवाई मार्ग तक एक संयुक्त दृष्टिकोण अपनाया गया है। यह योजना केवल एक विकास योजना नहीं, बल्कि भारत को भविष्य के लिए तैयार करने वाला एक विज़न है।

राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का ज़िक्र करते हुए बताया कि इसका उद्देश्य भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को विकसित देशों के स्तर तक लाना है, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की पकड़ मजबूत होगी।

अंत में, उन्होंने GSV की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान केवल शैक्षणिक केंद्र नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता का आधार बन रहा है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे तकनीकी दक्षता, AI-सक्षम लॉजिस्टिक्स और टिकाऊ परिवहन के क्षेत्र में नवाचार करें और राष्ट्र निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएं। AMN