Welcome to The Indian Awaaz   Click to listen highlighted text! Welcome to The Indian Awaaz

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क में भारतीय समुदायों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज वैश्विक विकास, शांति, जलवायु कार्रवाई, कौशल और सप्लाई चेन मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इसके पीछे भारत का मकसद दुनिया में दबाव बढ़ाना नहीं बल्कि प्रभाव बढ़ाना है। हम सूरज की तरह रोशनी देने वाले हैं। हम विश्व पर दबदबा नहीं चाहते हैं, हम विश्व की समृद्धि में अपना सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क के लॉन्ग आईलैंड में आयोजित ‘मोदी एंड अमेरिका’ नामक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि ह्यूस्टन और लॉस एंजेलिस में भारत महावाणिज्य दूतावास खुलेगा और ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में तिरुवल्लुवर चेयर ऑफ तमिल स्टडीज की शुरुआत की जाएगी।

भारत और अमेरिकी संबंधों को एआई से जोड़ते हुए कहा आकांक्षी भारत का प्रतीक

भारत और अमेरिकी संबंधों को आधुनिक तकनीकी विकास कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि यह एस्पिरेशनल इंडिया (आकांक्षी भारत) का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एआई का अर्थ अमेरिकन इंडियन है, जो दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने तीसरी बार देश में सत्ता वापसी को ऐतिहासिक बताया

प्रधानमंत्री ने तीसरी बार देश में सत्ता वापसी को ऐतिहासिक बताया और उनके विजन से जोड़ते हुए इसे ‘पुष्प’ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि ‘पुष्प’ (पीयूएसएचपी) का अर्थ प्रोग्रेसिव इंडिया, अनस्टॉपेबल इंडिया, स्पिरिचुअल इंडिया, ह्यूमैनिटी फर्स्ट इंडिया और प्रॉस्पर इंडिया है। अर्थात् भारत प्रगति, निरंतरता, आध्यात्मिकता, मानवता और समृद्धि के मूल्य और सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है।

अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय को बताया भारत का राष्ट्रीय दूत

अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय को भारत का राष्ट्रीय दूत बताते हुए उन्होंने कहा कि वह आज भी अपने जड़ों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई समुद्र इतना गहरा नहीं है जो सात समंदर पार आए इन भारतीयों को अपनी पहचान से दूर कर सके। यहां रहने वाला भारतीय समुदाय अलग-अलग भाषा बोलता है लेकिन उनका भाव एक है भारत माता की जय।

भारत की वैश्विक नीति का किया उल्लेख 

भारत की वैश्विक नीति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत कुछ कहता है तो दुनिया सुनती है। अभी तक हम सबसे दूरी बनाकर चलते थे लेकिन अब हम सबसे करीबी बना कर चल रहे हैं। हमारा मानना है कि ज्ञान दूसरों के साथ साझा करने, संपदा अन्यों की देखभाल और शक्ति सबको संरक्षण देने के लिए है। 

2036 में हम भारत में ओलंपिक खेलों के साक्षी बनेंगे

अपने भाषण में उन्होंने चेस ओलंपियाड में भारतीय टीम को मिली जीत का उल्लेख किया और साथ ही कहा कि 2036 में हम भारत में ओलंपिक खेलों के साक्षी बनेंगे। 
पर्यावरण की मदद के लिए भारत में एक पेड़ मां के नाम लगाया जा रहा है

वहीं दैनिक दिनचर्या को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने लाइफ स्टाइल में थोड़े से बदलाव करके भी पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। आजकल भारत में एक पेड़ मां के नाम लगाया जा रहा है। मां जिंदा तो साथ ले जाना, नहीं है तो तस्वीर ले जाना, ये अभियान आज देश के कोने-कोने में चल रहा है।

पीएम मोदी ने बदलते भारत की तस्वीर भी सबके सामने रखी

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने बदलते भारत की तस्वीर भी सबके सामने रखी। उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में भारत में हर सप्ताह एक यूनिवर्सिटी बनी है। हर दिन दो नए कॉलेज बने और एक नई आईटीआई की स्थापना हुई है। इंफ्रास्ट्रक्टर की बात करें तो आज हमारे रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट सोलराइज हो रहे हैं। भारत में बहुत बड़ी संख्या में ग्रीन जॉब पैदा हो रहे हैं। 

21वीं सदी का भारत एजुकेशन, स्कील, रिसर्च की ओर से आगे बढ़ रहा है

21वीं सदी का भारत एजुकेशन, स्कील, रिसर्च की ओर से आगे बढ़ रहा है। मोदी ने कहा कि हमने ग्रीन ट्रांजेशन का रास्ता चुना है। प्रकृति प्रेम के संस्कारों ने हमें गाइड किया है, इसलिए हम सोलर, ग्रीन हाइड्रोन, न्यूक्लियर एनर्जी पर इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।

Click to listen highlighted text!