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भारत ने आतंकवाद से निपटने वाले संयुक्त कार्यदलों के माध्यम से 26 देशों को शामिल करके विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। देश मंत्रालय की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इन वार्ताओं से आतंकवाद के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के प्रति भारत के प्रयासों का पता चलता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए बिम्सटेक, जी20, आसियान क्षेत्रीय मंच, शंघाई सहयोग संगठन, ब्रिक्स, यूरोपीय संघ, एफएटीएफ और आतंकवाद विरोधी क्वाड फोरम जैसे क्षेत्रीय और बहुपक्षीय निकायों के साथ सहयोग कर रहा है।
अमरीका, कजाकिस्तान, फ्रांस, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और रूस के साथ आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह की बैठकें आयोजित की गईं। भारत ने बीजिंग में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन परिषद के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे के कानूनी विशेषज्ञों के समूह की बैठक में भाग लिया।
भारत ने नई दिल्ली में आयोजित नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रॉपिक पदार्थों और प्रीकर्सर केमिकल्स की अवैध तस्करी की रोकथाम पर बिम्सटेक उप समूह की 8वीं बैठक की मेज़बानी भी की। एफएटीएफ कार्य समूह की बैठक और पूर्ण अधिवेशन सिंगापुर में आयोजित किया गया, जिसके दौरान भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को अपनाया गया, जिससे देश को “नियमित अनुवर्ती” श्रेणी में रखा गया।
भारत ने नैरोबी में आयोजित वैश्विक आतंकवाद निरोधी मंच (जीसीटीएफ) ट्रांस-रीजनल ग्रुप मीटिंग और 23वीं समन्वय समिति की बैठक और सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में आयोजित जीसीटीएफ की 24वीं समन्वय समिति की बैठक और मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। इसने बिश्केक, किर्गिज़ गणराज्य में आयोजित मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर यूरेशियन समूह (ईएजी) की 40वीं पूर्ण बैठक में भी भाग लिया।
आतंकवाद निरोध संयुक्त राष्ट्र में भी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बना हुआ है, जहाँ भारत ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक बहुपक्षीय कार्रवाई की वकालत की।