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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय सहकारी क्षेत्र के विस्तार के लिए वैश्विक सहकारी संगठनों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने सहकारी संगठनों के माध्यम से जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के महत्व पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने आज देश में सहकारी क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, श्री मोदी ने कृषि पद्धतियों में सुधार के लिए निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने और मृदा परीक्षण मॉडल विकसित करने का भी सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने वित्तीय लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए यूपीआई को रुपे और किसान क्रेडिट कार्ड के साथ जोड़ने के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने सहकारी खेती को अधिक टिकाऊ कृषि मॉडल के रूप में बढ़ावा देने पर जोर दिया और सहकारी क्षेत्र में कृषि तथा संबंधित गतिविधियों के विस्तार के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे-एग्रीस्टैक के उपयोग की सिफारिश की।
श्री मोदी ने स्कूलों, कॉलेजों और प्रबंधन संस्थानों में सहकारी पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए सफल सहकारी संगठनों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भी रखा।
बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय सहकारिता नीति और पिछले साढ़े तीन वर्षों में सहकारिता मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।