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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दुबई में ‘वर्ल्ड गर्वनमेंटस शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने आधुनिक दुनिया में पिछली शताब्दी की चुनौतियों की दृढता को स्वीकार करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा, भोजन तथा पानी की कमी, ऊर्जा सुलभता, शिक्षा और समावेशी समाज बनाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के उत्थान, जन भागीदारी, सामाजिक समावेशन और सतत विकास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज सरकारों को नागरिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एकसमान संघर्ष का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रत्येक सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन चुनौतियों के पैमाने और जटिलता को देखते हुए सहयोग की आवश्यकता है। प्रौद्योगिकी की विघटनकारी प्रकृति को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी विघटनकारी है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। उन्होंने प्रौद्योगिकी के जोखिमों को कम करते हुए इसकी क्षमता का दोहन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के भविष्य को बनाने में नागरिकों की भागीदारी पर जोर देते हुए “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के अपने दर्शन का उल्लेख किया। उन्होंने इस सहयोगात्मक दृष्टिकोण की शक्ति के उदाहरण के रूप में ‘स्वच्छ भारत अभियान’, ‘जनभागीदारी’ और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसी पहल की सफलता की कहानियों का हवाला दिया।
प्रधानमंत्री ने वित्तीय समावेशन में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति पर गर्व करते हुए कहा कि भारत ने 50 करोड़ लोगों को बैंकिंग सुविधा प्रदान की है, जिससे यह फिनटेक और डिजिटल भुगतान में विश्व में अग्रणी बन गया है। उन्होंने संसद में प्रतिनिधित्व और समर्पित युवा कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला, जिससे सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित होंगे।
श्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारत जल्द ही वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम होगा। उन्होंने इस वृद्धि का श्रेय समावेशी प्रगति की प्राथमिकता – ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति को दिया। उन्होंने सरकार के ‘अंतिम मील तथा संतृप्ति दृष्टिकोण’, भ्रष्टाचार को कम करने और विकास पहल से प्रत्येक नागरिक के लाभ सुनिश्चित करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने एआई, क्रिप्टोकरेंसी और साइबर सुरक्षा खतरों जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए समान संसाधन-साझाकरण और मजबूत प्रोटोकॉल का समर्थन किया।
श्री मोदी ने गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि ढाई करोड लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया, जो सामाजिक उत्थान के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डिजिटल पहचान के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि 130 करोड़ नागरिकों की डिजिटल आईडी, बैंक और मोबाइल जुडी हैं, जो कुशल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को सक्षम करती हैं और भ्रष्टाचार को कम करके अरबों डॉलर की बचत में सहायता करती है। श्री नरेंद्र मोदी ने ‘मिशन लाइफ’ और ग्रीन क्रेडिट सिस्टम जैसी पहल का जिक्र करते हुए जलवायु परिवर्तन पर भारत के मजबूत रुख को रेखांकित किया। उन्होंने टिकाऊ भविष्य के प्रति देश की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए सौर, पवन, जैव ईंधन और हरित हाइड्रोजन में भारत के निवेश पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन का समापन करते हुए घोषणा की कि भारत दुनिया को जन-समर्थक दृष्टिकोण के माध्यम से आगे का रास्ता दिखा रहा है जो पर्यावरण की भी रक्षा करता है। उनके भाषण में समावेशी, टिकाऊ और पारदर्शी शासन का संदेश था जिसने भारत को विश्व मंच पर एक नेता के रूप में स्थापित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वर्ल्ड गर्वनमेंटस शिखर सम्मेलन’ के महत्व को रेखांकित किया, वैश्विक नेताओं से गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए स्मार्ट, प्रौद्योगिकी-संचालित, पारदर्शी और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ शासन को अपनाने का आग्रह किया। यह शिखर सम्मेलन सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने और सभी के लिए अधिक परिवर्तनशील और न्यायसंगत भविष्य बनाने के वास्ते एक महत्वपूर्ण मंच है। श्री मोदी का संदेश “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की भावना से प्रेरित था, जिसमें इन नवाचारों द्वारा प्रस्तुत नैतिक और व्यावहारिक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक एकता और सहयोग का आग्रह किया गया था।