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सरकार यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है कि देश के अंतर‍िक्ष कार्यक्रम के लाभ सबसे गरीब लोगों तक पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अंतरिक्ष गतिवि‍धियों में भागीदारी के लिए प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से प्रमुख उद्योगपतियों, स्‍टार्टअप्स और शिक्षाविदों के साथ वर्चुअल माध्‍यम से बैठक में यह बात कही।

श्री मोदी ने आशा व्‍यक्‍त की कि देश शीघ्र ही अंतरिक्ष परिसम्‍पत्तियों के विनिर्माण का केन्‍द्र बनेगा। उन्‍होंने कहा कि अंतर‍िक्ष क्षेत्र में सुधार कारोबार करना सुगम बनाने तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि इनसे प्रत्‍येक क्षेत्र और प्रत्‍येक चरण में सहायता भी मिल रही है। श्री मोदी ने कहा कि जिस तरह सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय प्रतिभाओं ने दुनियाभर में प्रसिद्धि प्राप्‍त की, उसी तरह अंतरिक्ष क्षेत्र में भी करेंगी।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने इस वर्ष जून में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने और सभी तरह की अंतरिक्ष गतिविधियों में भारत के निजी क्षेत्र को भागीदारी में समर्थ बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। भारतीय राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकार केन्‍द्र- इन स्‍पेस की स्‍थापना से प्राइवेट कंपनियों और स्‍टार्टअप को भी समान अवसर मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के निर्णय से इस क्षेत्र में सरकारी-निजी भागीदारी का नया युग शुरू होगा। उन्‍होंने प्रतिभागियों को आश्‍वासन दिया कि इस पहल में सरकार का पूरा और खुले दिल से समर्थन मिलेगा। उन्‍होंने कहा क‍ि सरकार की नीतियों और निर्णय लेने की प्रक्रिया में पेशेवर और पारदर्शी ढंग से काम करने से अंतरिक्ष क्षेत्र में शामिल होने वाली कंपनियों को लाभ होगा।

रॉकेट और उपग्रह बनाने के लिए कंपनियों की योजनाओं पर ध्‍यान देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बडा बदलाव होगा जिससे देश का अंतरिक्ष क्षेत्र और मजबूत होगा। प्रधानमंत्री ने संचार और नैविगेशन में अंतरिक्ष क्षेत्र के महत्‍व पर भी बल दिया।

अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के चैयरमेन डॉक्‍टर के सिवन ने प्रधानमंत्री को इन-स्‍पेस से अनुमति लेने के विभिन्‍न प्रस्‍तावों और अंतरिक्ष विभाग के समर्थन की जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि 25 से अधिक उद्योगों ने अंतरिक्ष गतिविधियां शुरू करने के लिए अंतरिक्ष विभाग से संपर्क किया है।

इस बैठक के दौरान प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री को सुधारों के बारे में सुझाव उपलब्‍ध कराए। उन्‍होंने यह सुझाव भी दिया कि बच्‍चों के लिए भी इसरो के केन्‍द्रों को खोला जाए ताकि उन्‍हें इस क्षेत्र में कदम बढाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा सके। प्रधानमंत्री ने इन सुझावों और अनुभवों के लिए प्रतिभागियों को धन्‍यवाद दिया।