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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारा देश कई महान लोगों की भूमि है, जो अपने स्वयं से ऊपर उठकर सबके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहे। प्रधानमंत्री आज मध्य प्रदेश के चित्रकूट में संत अरविंद मफतलाल के जन्म शताब्दी वर्ष समारोह में बोल रहे थे।
श्री मोदी ने कहा कि संतों की प्रेरणा से सरकार समाज के सभी वर्गों और विशेषकर जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए लगातार कदम उठा रही है। जनजातीय गौरव दिवस और पेसा कानून यानी पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार अधिनियम इसी दिशा में किये गये महत्वपूर्ण प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि देश जनजातीय समुदायों की भलाई के लिए समग्र पहल कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा के लिए संसाधन जरूरी हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण पहलू समर्पण है। इसे हम अरविन्द मफतलाल जैसे संतों के जीवन में देखते हैं।प्रधानमंत्री ने संतों के जीवन को आदर्श बताते हुए कहा कि हमारी आय और सफलता की सबसे बड़ी सुरक्षा समर्पण से ही होती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में कहा कि इन हजारों सालों में दुनिया में कई भाषाएं आईं और गईं। पुरानी भाषाओं का स्थान नई भाषाओं ने ले लिया लेकिन संस्कृत आज भी अक्षुण्ण और अटल है।
प्रधानमंत्री ने संस्कृत को सर्वश्रेष्ठ भाषा बताते हुए कहा कि संस्कृत भाषा को पिछड़ेपन की निशानी मानने की मानसिकता वाले लोग पिछले एक हजार साल से हार रहे हैं और भविष्य में भी सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि समय के साथ संस्कृत परिष्कृत हुई है लेकिन दूषित नहीं हुई है।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने चित्रकूट में जानकीकुंड अस्पताल की नई शाखा का उद्घाटन करते हुए कहा कि इससे लाखों मरीजों को नई जिंदगी मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सदगुरू मेडिसिटी में गरीबों की सेवा के इस संस्कार को नया विस्तार मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने तुलसी पीठ के जगदगुरू रामानंदाचार्य के साथ तीन पुस्तकों – ‘अष्टाध्यायी भाष्य’, ‘रामानंदाचार्य चरितम्’ और ‘भगवान श्री कृष्ण की राष्ट्र लीला’ का विमोचन भी किया। श्री मोदी ने समाजसेवी अरविंद मफतलाल के जन्म शताब्दी समारोह में भी भाग लिया। प्रधानमंत्री ने रघुवीर मंदिर और कांच मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की।