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भारतीय रिजर्व बैंक ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि दो हजार रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेना मुद्रा प्रबंधन और आर्थिक नीति से जुडा मामला है। दिल्ली उच्च न्यायालय दो हजार रुपये के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेने के रिजर्व बैंक के फैसले को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ को रिजर्व बैंक ने याचिका पर सुनवाई टालने के लिए कहा क्योंकि न्यायालय ने इस मामले से संबंधित एक अन्य जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है।
इससे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक समय-समय पर श्रृंखला विशेष के नोट वापस लेता है और नए नोट जारी करता है। श्री दास ने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद हटाए गए नोटों की भरपाई के लिए दो हजार रुपये के नोट लाए गए थे। श्री दास ने यह भी स्पष्ट किया कि रिजर्व बैंक दो हजार रुपए के नोट प्रचलन से वापस ले रहा है लेकिन ये वैध मुद्रा के रूप में जारी हैं।
दो हजार रुपए के नोटों का आदान-प्रदान इस महीने की 23 तारीख से शुरू हुआ और यह इस साल 30 सितंबर तक चलेगा।