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जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यकारी समूह की दूसरी बैठक आज से हैदराबाद में शुरू हो गई है। बैठक का मुख्य एजेंडा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, साइबर सुरक्षा और कौशल पर केंद्रित है। इसमें सदस्य राष्ट्रों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लगभग 140 प्रतिनिधि तीन दिवसीय बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवु सिंह चौहान ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का ध्यान देश में डिजिटल डिवाइड को खत्म करने पर है। श्री चौहान ने कहा कि देश के सभी गांवों में वर्ष 2025 तक ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत 6-जी तकनीक पर काम कर रहा है और डिजिटल अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अंतिम छोर के व्यक्ति तक भी इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
इससे पहले, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी ने अपने संबोधन में डिजिटल तकनीकों और डिजिटल अर्थव्यवस्था में कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सिलसिले में कई उपाय किए हैं। श्री नारायणस्वामी ने समावेशी और स्थायी डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए विचार-विमर्श में बहु-हितधारक भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी से विकास का मार्ग प्रशस्त होता है और देश के हर कोने में विभिन्न डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा मिल रहा है। दूरसंचार विभाग के सचिव के राजारमन ने कहा कि इंटरनेट हमारे जीवन की दिशा परिवर्तित कर रहा है। यह प्रशासनिक व्यवस्था और आजीविका के माध्यमों में बदलाव ला सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों की लागत कम करने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।