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चीन और जापान के अधिकारियों ने अनौपचारिक सुरक्षा वार्ता के लिए कल टोक्‍यो में मुलाकात की। पिछले चार साल में यह ऐसी पहली मुलाकात है जिसका उद्देश्‍य तनावपूर्ण होते रिश्‍तों को स्थिरता प्रदान करना है। दिसंबर में जारी जापान की राष्‍ट्रीय सुरक्षा रणनीति में चीन को जापान की शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती कहा गया था।

चीन ने कहा कि वह जापान की सैन्‍य तैयारियों से चिंतित है वहीं टोक्‍यो ने अपने देश के आसपास जासूसी गुब्‍बारों के संदिग्‍ध इस्‍तेमाल तथा चीनी सैन्‍य गतिविधियों के साथ ही उसके रूस के साथ सहयोग पर चिंता जताई।

अमरीका के प्रमुख सहयोगी देश जापान ने दिसंबर में रक्षा खर्च में ऐतिहासिक वृद्धि की घोषणा करते हुए 2027 तक रक्षा बजट को दोगुना करके सकल घरेलू उत्‍पाद का दो प्रतिशत करने का वादा किया था।

चीन और जापान ने पूर्वी चीन महासागर में विवादित द्वीपों के बारे में भी चर्चा की। सेंकाकू द्वीप टोक्‍यो के नियंत्रण में है लेकिन पेइचिंग इस पर दावा करता है और इसे दियाओयू द्वीप कहता है।