उर्दू के जाने-माने शायर गुलजार और संस्‍कृत के विद्वान जगतगुरू रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्रदान किये जाएंगे। गुलजार को हिन्‍दी सिनेमा में उनके कार्य के लिए जाना जाता है और उन्‍हें इस युग के बेहतरीन उर्दू शायरों में से एक माना जाता है। जगतगुरू रामभद्राचार्य चित्रकूट में तुलसी पीठ के प्रमुख हैं और वे प्रख्‍यात हिन्‍दू आध्‍यात्मिक नेता, शिक्षक और दो सौ 40 से अधिक पुस्‍तकों और पाठों के लेखक हैं। ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्राप्‍त प्रतिभा राय की अध्‍यक्षता वाली चयन समिति ने इस वर्ष के ज्ञानपीठ पुरस्‍कार विजेताओं का चयन किया। 1944 में शुरू किया गया प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्‍कार भारतीय साहित्‍य में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए हर वर्ष प्रदान किया जाता है।