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इंद्र वशिष्ठ, 

अपराध और अपराधी तो दिनोंदिन बढ़ रहे हैं लेकिन पुलिस द्वारा अपराध के आंकड़ों की बाजीगरी से अपराध कम होने का दावा करने की परंपरा जारी है। अपराध के सभी मामलों को सही दर्ज न करने या हल्की धारा में दर्ज करने का सिलसिला जारी है। 

अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण करने का सिर्फ और सिर्फ एक ही रास्ता है कि पुलिस अपराध के सभी मामलों को सही दर्ज करे। अपराध को दर्ज ना करके तो पुलिस एक तरह से अपराधियों की ही मदद करने का गुनाह ही करती है। पुलिस अपराध की एफआईआर ही आसानी से दर्ज ही नहीं करती है। पुलिस अगर अपराधों की सही एफआईआर दर्ज करें, तभी अपराध और अपराधियों की सही तस्वीर सामने आ पाएगी। सही तस्वीर सामने आने पर ही अपराध और अपराधियों से निपटा जा सकता है। तभी कानून का शासन कायम हो सकता है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण करने की दिशा में कदम उठाया है। 

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कानून व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए अपराधों का दर्ज होना ज़रूरी है, इसलिए एफआईआर दर्ज करने में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। देशवासियों को त्वरित व पारदर्शी न्याय प्रणाली देने के लिए सरकार संकल्पित है।

गृह मंत्री ने शुक्रवार को नई दिल्ली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। गृह मंत्री ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि संगठित अपराध, आतंकवाद और मॉब लिंचिंग के मामलों की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें ताकि इन अपराधों से जुड़ी धाराओं का दुरुपयोग न हो।

गृहमंत्री ने कहा कि 7 साल से अधिक सजा के मामलों में 90 प्रतिशत से अधिक दोषसिद्धि हासिल करने के प्रयास किए जाएं और पुलिस, सरकारी वकील एवं न्यायपालिका मिलकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने का प्रयास करें। 

जेलों, सरकारी अस्पतालों, बैंक, फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी इत्यादि परिसरो में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज करने के व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिसमें अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम ( सीसीटीएनएस) के जरिए दो राज्यों के बीच एफआईआर को ट्रांसफर किया जा सके। 

गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस को पूछताछ के लिए हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस थानों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढाने पर जोर दिया। हर पुलिस सब डिवीजन में फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन्स की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। 

गृहमंत्री यह भी कहा कि पुलिस को अपराधियों के पास से बरामद की गई संपत्ति को नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार उसके असली हकदार को लौटाने की व्यवस्था करनी चाहिए। गृह मंत्री ने पुलिस थानों को सुंदर बनाने पर भी बल दिया। 

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