AMN / HEALTH DESK

हृदय की धड़कन जीवन की सबसे मूलभूत लय है। हर धड़कन यह याद दिलाती है कि जीवन ईश्वर का अनमोल उपहार है। लेकिन हर साल लाखों लोग इस उपहार को समय से पहले खो देते हैं, और इसका सबसे बड़ा कारण है – हृदय रोग
हर वर्ष 29 सितम्बर को विश्वभर में विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है। इस अभियान की शुरुआत वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) ने की थी, जिसका उद्देश्य हृदय रोगों के बारे में जागरूकता फैलाना, रोकथाम पर ज़ोर देना और समान रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
2025 का विषय (Theme) है – “Don’t Miss a Beat” यानी “धड़कन न छूटे”, जो यह संदेश देता है कि हृदय की नियमित देखभाल, समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली को कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।


वैश्विक परिदृश्य : हृदय रोगों का बोझ

आज हृदय रोग विश्व में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार हर साल लगभग 2.05 करोड़ लोग हृदय संबंधी बीमारियों से अपनी जान गंवाते हैं। यह आंकड़ा कैंसर, श्वसन रोग और संक्रामक बीमारियों से कहीं अधिक है।
सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि 75% से अधिक मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं, जहां समय पर जांच, इलाज और जागरूकता की कमी है।


भारत में हृदय रोग की बढ़ती चुनौती

भारत हृदय रोगों के सबसे गंभीर संकट का सामना कर रहा है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार देश में हर साल 7 लाख से अधिक लोग अचानक हृदयगति रुकने (Sudden Cardiac Arrest) से मरते हैं। इसके अलावा भारतीयों में हृदय रोग औसतन 10 साल पहले ही प्रकट हो जाते हैं, जबकि पश्चिमी देशों में यह उम्र अधिक होती है।

दिल्ली हार्ट एंड लंग्स इंस्टीट्यूट के निदेशक एवं हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि –
👉 “करीब 80% समयपूर्व हृदय रोगों को रोका जा सकता है, अगर लोग जीवनशैली में बदलाव करें, समय पर जांच कराएं और इलाज को नजरअंदाज न करें।”


इस वर्ष का संदेश : धड़कन न छूटे

विश्व हृदय दिवस 2025 का संदेश है – “Don’t Miss a Beat”। इसमें तीन मुख्य बातें शामिल हैं :

  1. नियमित जांच और निगरानी – ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ईसीजी जैसी जांच समय-समय पर कराना।
  2. जीवनशैली में निरंतरता – व्यायाम बीच में छोड़ना, दवाइयां छोड़ देना या डॉक्टर की सलाह टालना खतरनाक हो सकता है।
  3. समान स्वास्थ्य सुविधा – ग्रामीण और गरीब तबकों तक भी हृदय देखभाल सुविधाएं पहुंचाना।

रोकथाम क्यों ज़रूरी है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि 80% मौतें रोकी जा सकती हैं, यदि जोखिम कारकों पर नियंत्रण किया जाए :

  • अस्वस्थ आहार (ज्यादा नमक, चीनी, ट्रांस फैट)
  • शारीरिक निष्क्रियता
  • तंबाकू और शराब का सेवन
  • वायु प्रदूषण
  • मानसिक तनाव

छोटे-छोटे बदलाव जैसे नमक कम करना, रोज़ाना 30 मिनट पैदल चलना, धूम्रपान छोड़ना हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।


तकनीक और शुरुआती पहचान की भूमिका

आज डिजिटल हेल्थ और मेडिकल टेक्नोलॉजी ने हृदय देखभाल को और आसान बनाया है।

  • स्मार्टवॉच और फिटनेस बैंड हृदय की धड़कन और अनियमितताओं की पहचान कर लेते हैं।
  • टेलीमेडिसिन के माध्यम से गांवों और दूर-दराज़ इलाकों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह उपलब्ध हो रही है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स डॉक्टरों को रोगियों का हृदय जोखिम पहले से पहचानने में मदद कर रहे हैं।

भारत जैसे देश में, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की असमानता है, यह तकनीकें बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।


प्रेरणा देने वाली कहानियां

विश्व हृदय दिवस केवल आंकड़ों की बात नहीं करता, बल्कि यह इंसानी कहानियों को सामने लाता है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां दिल का दौरा पड़ने के बाद लोगों ने अपने जीवन में बदलाव कर स्वस्थ जीवनशैली अपनाई और दूसरों के लिए प्रेरणा बने।


साझा जिम्मेदारी

हृदय स्वास्थ्य केवल व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है। सरकारों और संस्थानों की भी बड़ी भूमिका है।

  • स्कूलों और कॉलेजों में स्वास्थ्य शिक्षा व खेलकूद को बढ़ावा देना।
  • कार्यस्थलों पर वेलनेस प्रोग्राम और स्वास्थ्य बीमा सुविधा।
  • खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट व ज्यादा चीनी पर नियंत्रण संबंधी नीतियां।
  • सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं।

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने स्पष्ट कहा है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो हृदय रोगों की आर्थिक और सामाजिक लागत दुनिया के लिए असहनीय होगी।


विश्व हृदय दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि जीवन की सबसे महत्वपूर्ण लय – हृदय की धड़कन – को सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
संदेश साफ़ है – “धड़कन न छूटे”।
स्वस्थ आहार, व्यायाम, समय पर जांच और सबके लिए समान स्वास्थ्य सुविधाओं के ज़रिए हम हृदय रोगों पर काबू पा सकते हैं।


संदर्भ

  • World Heart Federation (2024). Cardiovascular disease: Global statistics.
  • World Health Organization (2024). Cardiovascular diseases (CVDs) fact sheet.
  • Indian Heart Association (2023). Cardiovascular disease in India: A growing crisis.
  • Gupta, A. (2025). Media interaction on World Heart Day. Delhi Heart & Lungs Institute.

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। हृदय स्वास्थ्य या किसी भी चिकित्सकीय समस्या के लिए हमेशा योग्य डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लें।