Last Updated on: 28 September 2025 12:10 AM

बरेली में आई लव मोहम्मद प्रकरण को लेकर मुरादाबाद मंडल में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सबसे संवेदनशील संभल जिले में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।  मुरादाबाद, रामपुर और अमरोहा में भी गश्त बढ़ा दी गई है।

Agencies /बरेली

‘आई लव मुहम्मद’ अभियान को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद बरेली में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। शनिवार को पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा खान को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

प्रशासन ने हिंसा और अफवाहों पर नियंत्रण के लिए 48 घंटे तक इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी हैं। पुलिस का कहना है कि मौलाना ने अनुमति न मिलने के बावजूद शुक्रवार को जुलूस का आह्वान किया था। नमाज़ के बाद लोग कोतवाली मस्जिद के बाहर जमा हुए और देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई। पथराव की घटनाओं के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। झड़पें दरगाह-ए-अला हज़रत, आलमगीरगंज, बड़ा बाज़ार और बंसमंडी तक फैल गईं।

अफसरों ने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की बात कही। बताया कि शासन स्तर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म की निगरानी कराई जा रही है। किसी भी भ्रामक, आपत्तिजनक या भड़काऊ पोस्ट पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी अमित कुमार आनंद ने भी जिले का दौरा कर माहौल के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

डीआईजी अजय कुमार साहनी ने इसे “पूर्व नियोजित साजिश” बताया। पुलिस ने अब तक 11 एफआईआर दर्ज कर 2000 से अधिक लोगों को नामजद किया है, जिनमें मौलाना रज़ा भी शामिल हैं। उनके अलावा सात अन्य लोग भी गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 36 लोगों से पूछताछ चल रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ चेतावनी दी है कि अराजकता बर्दाश्त नहीं होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं विपक्ष ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अभियान अपराध नहीं है, जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे पुलिस की मनमानी बताया।

गौरतलब है कि विवाद की शुरुआत 4 सितंबर को कानपुर में ईद-ए-मिलादुन्नबी जुलूस में लगाए गए ‘आई लव मुहम्मद’ बोर्ड से हुई थी। बाद में यह मुद्दा प्रदेश और अन्य राज्यों तक फैल गया।

Friday Photo Amar Ujala

डीआईजी अजय कुमार साहनी ने इसे “पूर्व नियोजित साजिश” बताया। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 163, जो बिना अनुमति सार्वजनिक जमावड़े पर रोक लगाती है, पहले से ही लागू थी।

पुलिस के अनुसार मौलाना रज़ा को शनिवार तड़के फैज़ एन्क्लेव से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने अपने समर्थकों को भ्रमित किया कि वे दिल्ली जा चुके हैं जबकि वे बरेली में ही मौजूद थे।

अब तक 11 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 2000 से अधिक लोगों को नामजद किया गया है। दो मुकदमों में सीधे तौर पर मौलाना का नाम शामिल है। इसके अलावा 36 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कानून-व्यवस्था भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। राज्य सरकार ने हिंसा को शांति भंग करने की साजिश बताया है, जबकि विपक्ष ने पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है।

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह अभियान अपराध नहीं है, वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस कार्रवाई को मनमानी करार दिया। बीजेपी ने अपने नेताओं को इस मामले पर सार्वजनिक बयान देने से परहेज़ करने के निर्देश दिए हैं।

इस विवाद की शुरुआत 4 सितंबर को कानपुर में ईद-ए-मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान लगी ‘आई लव मुहम्मद’ पट्टिकाओं से हुई। 9 सितंबर को पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिस पर हिंदू संगठनों ने परंपरा से विचलन और उकसावे का आरोप लगाया। मामला जल्द ही यूपी के अन्य जिलों और उत्तराखंड व कर्नाटक तक फैल गया, जहाँ विरोध और पुलिस कार्रवाई देखने को मिली।