प्रदीप शर्मा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात कर इजरायल पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत के लोग इजरायल के साथ हैं।
प्रधानमंत्री ने श्री नेतन्याहू से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि भारत आतंकवाद की स्पष्ट रूप से कड़ी निंदा करता है। उन्होंने इजरायल में आतंकवादी हमलों में मारे गए और घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने इजराइल में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी बात की। श्री नेतन्याहू ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के बारे में उन्हें आश्ववस्त किया। दोनों नेता निकट भविष्य में संपर्क बनाए रखने पर भी सहमत हुए।
इस्राइल ने विदेशों में तैनात अपने सैनिकों को युद्ध में शामिल होने के लिए स्वदेश बुलाया
इस्राइल की वायुसेना ने कहा है कि हमास के आतंकवादी हमले के बाद वह विदेशों में तैनात अपने सैनिकों को युद्ध में शामिल होने के लिए स्वदेश ले आई है। वायुसेना के अनुसार उसके मालवाहक विमान विदेशों से सैकड़ों इस्राइली सैनिकों को वापस लाये हैं। इस्राइल ने अपने तीन लाख पूर्व सैनिकों को भी युद्ध में शामिल होने के लिए बुला लिया है।
इस बीच इस्राइल के आपात सेवा विभाग ने कहा है कि गजा की सीमा से सटे एसखोल क्षेत्र में रॉकेट हमले में दो विदेशी मारे गये हैं और एक अन्य गम्भीर रूप से घायल हुआ है।
इस्राइल और हमास के बीच जारी संघर्ष में अब तक करीब 1780 लोग मारे जा चुके हैं। मीडिया की खबरों के अनुसार इस्राइल में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गये हैं और कम से कम 3,418 लोग घायल हुए हैं। कई लोगों को बंधक भी बना लिया गया है। फलस्तीन में 780 लोगों के मारे जाने और 4100 लोगों के घायल होने की खबर है।
इस बीच इस्राइल ने गजा सीमा पर फिर से नियंत्रण करने का दावा किया है। इस्राइल की सेना उन जगहों पर बारूदी सुरंग बिछा रही है जहां से घुसकर हमास ने हमला किया था। हमास ने कहा है कि यदि इस्राइल ने बिना पूर्व चेतावनी दिये हमले किये तो वह बंधक बनाये गये इस्राइली नागरिकों की एक-एक कर हत्या कर देगा। गजा पर नियंत्रण करने का इस्राइल का यह बयान हमास की इस चेतावनी के बाद आया है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार गजापट्टी से अब तक एक लाख, 87 हजार लोग विस्थापित हो चुके हैं। यह संख्या और बढ़ने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव जनरल एंटोनियो गुतेरेस ने कहा है कि एक लाख 37 हजार लोग संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी आयोग के राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।