
BIZ DESK
घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक संकेतों की कमजोरी, मुनाफावसूली और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया नीति टिप्पणी के असर से निवेशक सतर्क नजर आए। दिनभर बिकवाली का दबाव बना रहा और प्रमुख सूचकांक लाल निशान में ही रहे। बीएसई सेंसेक्स 593 अंक यानी 0.7 प्रतिशत गिरकर 84,404 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 176 अंक फिसलकर 25,878 पर आ गया।
सत्र की शुरुआत से ही बाजार में कमजोरी बनी रही, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने यह संकेत दिया कि हाल में की गई 25 आधार अंकों की ब्याज दर में कटौती संभवतः इस वर्ष की अंतिम कटौती हो सकती है। इस बयान से आगे की मौद्रिक नरमी की उम्मीदें कमजोर पड़ीं।
व्यापक बाजार का रुख
बीएसई मिडकैप इंडेक्स लगभग सपाट बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में हल्की गिरावट दर्ज की गई। यह संकेत देता है कि समग्र कमजोरी के बावजूद चुनिंदा शेयरों में सीमित खरीदारी देखने को मिली।
सेक्टरवार प्रदर्शन
ऊर्जा क्षेत्र (Energy):
सभी प्रमुख सेक्टरों में निफ्टी एनर्जी ही एकमात्र ऐसा इंडेक्स रहा जो हरे निशान में बंद हुआ। ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोल इंडिया जैसे शेयरों में मजबूती देखी गई। कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार से इस सेक्टर को सहारा मिला।
वित्तीय सेवाएँ और बैंकिंग (Financials & Banking):
निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज और बैंक निफ्टी दोनों में लगभग 0.7 प्रतिशत की गिरावट रही। एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और बजाज फाइनेंस जैसे दिग्गज शेयरों में मुनाफावसूली के चलते दबाव देखा गया।
आईटी सेक्टर:
निफ्टी आईटी इंडेक्स में लगभग 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई। अमेरिका में आईटी खर्च में कमी की आशंका और वैश्विक टेक शेयरों में गिरावट का असर भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ा। इन्फोसिस, टेक महिंद्रा और टीसीएस सबसे ज्यादा नुकसान में रहे।
ऑटोमोबाइल:
ऑटो इंडेक्स 0.6 प्रतिशत गिरा, खासकर दोपहिया और ऑटो कंपोनेंट शेयरों में कमजोरी देखने को मिली। हालांकि मारुति सुजुकी ने त्योहारी सीजन की मजबूत बिक्री के चलते 0.8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की।
मेटल सेक्टर:
निफ्टी मेटल इंडेक्स 0.4 प्रतिशत टूटा। चीन के कमजोर औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों से इस सेक्टर पर दबाव बढ़ा। हिंडाल्को और जेएसडब्ल्यू स्टील प्रमुख गिरने वाले शेयर रहे।
फार्मा:
निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 0.5 प्रतिशत की गिरावट रही। कुछ कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे और निर्यात गाइडेंस भी सीमित रहा।
प्रमुख बढ़त और गिरावट वाले शेयर
बढ़त वाले शेयर:
सेंसेक्स में लार्सन एंड टुब्रो (L&T) शीर्ष बढ़त वाला शेयर रहा, जिसमें लगभग 0.91 प्रतिशत की तेजी आई। कंपनी को एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर अनुबंध मिलने की खबर से निवेशकों का भरोसा बढ़ा। इसके अलावा बीईएल, मारुति सुजुकी, अदानी पोर्ट्स और टाइटन भी लाभ में रहे।
गिरावट वाले शेयर:
भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस और बजाज फाइनेंस प्रमुख नुकसान में रहे, जिनमें 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई।
विश्लेषक की राय
विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी के लिए 25,800 का स्तर मजबूत समर्थन बना हुआ है, जबकि 26,000 पर रेजिस्टेंस देखने को मिल रहा है।
एक्सिस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक विनोद मेहता ने कहा,
“फेड चेयर के बयान के बाद निवेशकों की भावना थोड़ी कमजोर हुई है। फिलहाल बाजार सीमित दायरे में रहेगा और गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाना बेहतर होगा।”
वैश्विक संकेत और आगे की दिशा
वैश्विक बाजारों में भी मिश्रित रुख रहा। एशियाई बाजारों में हल्की गिरावट रही, जबकि यूरोपीय सूचकांक शुरुआती कारोबार में निचले स्तर पर खुले। अमेरिकी फेड की टिप्पणी के बाद निवेशकों में सतर्कता बढ़ी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू अर्थव्यवस्था के बुनियादी संकेतक मजबूत हैं, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। कच्चे तेल की कीमतें, विदेशी फंड प्रवाह और वैश्विक आर्थिक डेटा निकट अवधि में बाजार की दिशा तय करेंगे।
विश्लेषकों ने सलाह दी है कि निवेशक ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और उपभोक्ता विवेकाधीन (consumer discretionary) क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें, जो वर्तमान परिस्थिति में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
